दिल्ली के एलजी पर गैरजिम्मेदाराना टिप्पणी करना उचित नहीं : वीरेन्द्र सचदेवा

वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है कि 2013 मे जब अरविंद केजरीवाल ने पहला चुनाव लड़ा था। तब भी उन्हे मालूम था कि दिल्ली एक केन्द्र शासित प्रदेश है, जहां प्रशासनिक व्यवस्थाओं में उपराज्यपाल महोदय का अधिपत्य है;

Update: 2023-02-02 20:24 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है कि जैसे ही ई.डी. ने गोवा चुनाव मे आम आदमी पार्टी के द्वारा शराब घोटाले के पैसे के उपयोग पर चार्जशीट दायर की तो दिल्ली के मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल ने उस पर से जनता का ध्यान भटकाने के लिए प्रेस कांफ्रेंस करके दिल्ली के उपराज्यपाल से नया विवाद छेड़ दिया। आगे वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा हो कि दुखद है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल दिल्ली के उपराज्यपाल महोदय पर लगातार गैरजिम्मेदारानाटिप्पणी करके दिल्ली में संवैधानिक संकट पैदा कर रहे हैं। ताकि ई.डी. का चार्जशीट से ध्यान भटका सकें।

वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है कि 2013 मे जब अरविंद केजरीवाल ने पहला चुनाव लड़ा था। तब भी उन्हे मालूम था कि दिल्ली एक केन्द्र शासित प्रदेश है, जहां प्रशासनिक व्यवस्थाओं में उपराज्यपाल महोदय का अधिपत्य है। प्रारम्भ से ही उनका उपराज्यपाल से टकराव रहा है। और ऐसे ही मुद्दों को लेकर उनकी सरकार ने अनेक बार विभिन्न न्यायालयों मे भी दस्तक दी और आज भी दे रहे हैं पर कहीं से भी उनके पक्ष में फैसला नहीं आया।

अंत में वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि इसी टकराव की राजनीति का नतीजा है कि दिल्ली की जनता का अरविंद केजरीवाल से मोहभंग हो रहा है। 2020 विधानसभा चुनाव में केजरीवाल दल को विधानसभा में 62 सीटें मिली थीं। पर हाल ही में 2022 के नगर निगम चुनाव के परिणाम विश्लेषण से मालूम पड़ा की आम आदमी पार्टी केवल 42 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त बना पाई। और उनमे भी 10 विधानसभा क्षेत्र तो 1000 मतों के आसपास से बचा पाई।

ऐसे मे उनके राजनीतिक अस्तित्व के लियें बेहतर होगा कि मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल अब उपराज्यपाल महोदय से सत्ता संघर्ष छोड़ कर दिल्ली के विकास पर ध्यान दें।

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