पासपोर्ट मामले में ट्विटर पर सुषमा स्वराज को ट्रोल करना बिलकुल गलत: राजनाथ सिंह
केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ के एक दंपति के पासपोर्ट मामले को लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बारे में पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर बेहद अभद्र भाषा के इस्तेमाल को पूरी तरह गलत करार;
नयी दिल्ली। केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लखनऊ के एक दंपति के पासपोर्ट मामले को लेकर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के बारे में पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर बेहद अभद्र भाषा के इस्तेमाल को पूरी तरह गलत करार दिया है।
सिंह ने आज यहां एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा , “ यह बिलकुल गलत हुआ है। ” उनसे पूछा गया था कि स्वराज के बारे में टि्वटर पर बेहद अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया है इस बारे में क्या कार्रवाई की जा रही है। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने इस बारे में विदेश मंत्री से बात की है उन्होंने इसे टाल दिया।
उल्लेखनीय है कि एक दंपति ने लखनऊ पासपोर्ट कार्यालय में पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था लेकिन अलग अलग धर्म से ताल्लुक रखने के कारण उन्हें कुछ दिक्कत का सामना करना पड़ा। महिला ने इस मामले की शिकायत विदेश मंत्री से टि्वटर और ई मेल के माध्यम से की थी जिसके बाद उन्हें पासपोर्ट जारी किया गया।
इसके बाद हुए घटनाक्रम में टि्वटर पर कुछ लोगों ने स्वराज की ‘ट्रॉलिंग’ यानी उनके खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल शुरू कर दिया। इनमें से कुछ टि्वट बेहद आपत्तिजनक थे।
स्वराज ने इसके जवाब में टि्वट किया “ लोकतंत्र में मतभिन्नता स्वाभाविक है, आलोचना अवश्य करो, लेकिन अभद्र भाषा में नहीं, सभ्य भाषा में की गयी आलोचना ज़्यादा असरदार होती है।” एक अन्य टि्वट में उन्होंने कवि नीरज की कविता का हवाला देते हुए लिखा,“ निर्माण घृणा से नहीं, प्यार से होता है, सुख-शान्ति खड्ग पर नहीं फूल पर चलते हैं, आदमी देह से नहीं, नेह से जीता है,बम्बों से नहीं, बोल से वज्र पिघलते हैं।”
लोकतंत्र में मतभिन्नता स्वाभाविक है. आलोचना अवश्य करो. लेकिन अभद्र भाषा में नहीं. सभ्य भाषा में की गयी आलोचना ज़्यादा असरदार होती है.
In a democracy difference of opinion is but natural. Pls do criticise but not in foul language. Criticism in decent language is always more effective.