ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग से तिरंगा उतारना शर्मनाक : भाजपा

भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर.पी. सिंह ने सोमवार को उस घटना को 'शर्मनाक' बताया;

Update: 2023-03-21 03:53 GMT

नई दिल्ली। भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर.पी. सिंह ने सोमवार को उस घटना को 'शर्मनाक' बताया, जिसमें कुछ खालिस्तान समर्थक समूहों ने ब्रिटेन में भारतीय उच्चायोग से कथित तौर पर तिरंगा नीचे उतार दिया था। राष्ट्रीय राजधानी में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा नेताओं ने कहा कि इस तरह के कृत्यों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। इस मौके पर दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता हरीश खुराना भी मौजूद थे।

सिरसा ने कहा, "भारत को बदनाम करने वाले कभी सिख नहीं हो सकते। कुछ देशद्रोही तत्व भारत के खिलाफ हैं और वे कुछ लोगों के साथ मिलकर इस तरह की शर्मनाक घटनाओं को अंजाम देकर भारत को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसका हमें गहरा अफसोस है।"

उन्होंने पूरे सिख समुदाय और खासकर विदेशों में रह रहे सिखों से अपील करते हुए कहा कि ऐसे देशद्रोही तत्वों की पहचान कर उन्हें सबक सिखाने की जरूरत है।

सिरसा ने कहा, "जब अफगानिस्तान में सिखों की जान को खतरा था, तो शक्तिशाली देश भी उनकी मदद करने में नाकाम रहे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से सभी को सुरक्षित बचा लिया गया।"

उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसी हरकतें कर सिख समुदाय को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें नहीं पता कि कोई सिख कभी किसी के धर्म के खिलाफ काम नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि आज सिखों को पूरी दुनिया में मसीहा के रूप में देखा जाता है।

सिरसा ने कहा कि मोदी ने सिखों के लिए जो कुछ भी किया है, वह पिछले 75 वर्षो में भारतीय राजनीति के इतिहास में नहीं हुआ है और 'सिख विरोधी' और 'भारत विरोधी' तत्व इसे बर्दाश्त नहीं कर रहे हैं।

प्रेस कांफ्रेंस के दौरान आरपी सिंह ने कहा, "कुछ लोगों को आईएसआई प्रायोजित करती है, जो भारत विरोधी गतिविधियों को फंडिंग भी करती है। ये लोग पूरे सिख समुदाय को बदनाम कर रहे हैं, लेकिन वे लांस नायक करम सिंह, नायक सूबेदार राणा सिंह, जनरल अरोड़ा जैसे शहीदों के नाम भूल जाते हैं। कोई सिख खुद को तिरंगे से अलग नहीं कर सकता।"

सिंह ने ब्रिटेन सरकार के संदर्भ में कहा, "जब भी किसी देश के अंदर किसी उच्चायोग पर हमला होता है तो यह शर्मनाक होता है, क्योंकि उच्चायोग की सुरक्षा सुनिश्चित करना उस देश की जिम्मेदारी होती है।"

उन्होंने कहा, "ऐसे देशद्रोही तत्वों को लगता है कि बाहर जो होगा, उसका परिणाम दिल्ली में या देश के अंदर महसूस होगा, लेकिन ऐसी उम्मीद रखने वाले अपने नापाक मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाएंगे।"

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