इसरो करेगा 15 उपग्रहों का प्रक्षेपण

उपग्रह को पृथ्वी से 36 हजार किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया जाएगा, इसमें पूरे देश की 24 घंटे निगरानी करने की क्षमता है;

Update: 2018-10-30 20:47 GMT

तिरुवनंतपुरम। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अगले दो वर्ष में जलवायु अध्ययन, आपदा प्रबंधन और समुद्री अध्ययन के लिए 15 उपग्रहों का प्रक्षेपण करेगा। 

विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) के निदेशक सोमनाथ ने प्रेस सूचना ब्यूरो और केसरी मेमोरियल जर्नलिस्ट ट्रस्ट की ओर से यहां ‘जलवायु परिवर्तन और केरल’ पर आयोजित एक कार्यशाला के उद्घाटन के बाद बताया कि जी सैट का प्रक्षेपण 14 नवंबर को किया जाएगा।

सोमनाथ ने भूमध्यवर्ती क्षेत्र में मौसम अनुमान की कई सीमाओं की ओर इंगित करते हुए कहा कि उपग्रहों में उच्च रिजोल्यूशन वाले कैमरों का इस्तेमाल आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती संख्या के मद्देनजर जलवायु परिवर्तन पर अधिक अध्ययन अनिवार्य हैं। 

वीएसएससी के निदेशक ने कहा कि निकट भविष्य में अधिक रडार उपग्रह और नैनो उपग्रहों का प्रक्षेपण किया जाएगा तथा प्रक्षेपणों की संख्या भी बढ़ायी जाएगी।

उन्होंने कहा कि इसरो द्वारा विकसित लीथियम आयन बैटरी जल्द ही बाजार में उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि प्रौद्योगिकी स्थानांतरण के लिए 15 कंपनियों की सूची बनायी गयी है। 

पीआईबी के अतिरिक्त महानिदेशक डी मुरली मोहन ने कहा कि समाज को वनों की कटाई, प्लास्टिक के इस्तेमाल और रेत खनन के गंभीर प्रभाव के बारे में शिक्षित करने में मीडिया की अहम भूमिका है। वह समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे। कार्यक्रम में 60 से अधिक पत्रकारों ने हिस्सा लिया। 

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