नई दिल्ली : भारतीय एजेंसियों द्वारा नशीले पदार्थों की तस्करी पर कड़ी कार्रवाई के बीच पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI और दाऊद इब्राहिम सिंडिकेट अब भारत में बड़े पैमाने पर नकली नोट खपाने की साजिश रच रहे हैं। बांग्लादेश के जरिये अपने खतरनाक मंसूबों को परवान चढ़ा रहा पाकिस्तान भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।
जहां एक ओर दाऊद गैंग नशीले पदार्थों की तस्करी को बढ़ावा देने के लिए नए रास्ते और साझेदार तलाश रहा है, वहीं दूसरी ओर यह नकली भारतीय नोट से संबंधित गतिविधियों को भी तेज कर रहा है। खुफिया ब्यूरो के एक अधिकारी ने बताया कि ये नोट लाहौर, कराची, क्वेटा, मुल्तान और पेशावर स्थित सरकारी छपाईघरों में छपते हैं। इन्हीं जगहों पर आधिकारिक पाकिस्तानी रुपया भी छापा जाता है।
मुख्य केंद्र बना बंगाल का मालदा जिला
पश्चिम बंगाल का मालदा जिला भारत में इस रैकेट का मुख्य केंद्र बना हुआ है। खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों ने नकली नोटों की तस्करी में वृद्धि की चेतावनी दी है। पिछले दो हफ्तों में देश के विभिन्न हिस्सों में कई अभियान चलाए गए हैं जिनमें नकली नोटों के रैकेट का भंडाफोड़ किया गया है। नकली नोटों के माफिया को दाऊद इब्राहिम सिंडिकेट नियंत्रित करता है, जिसका केंद्र पाकिस्तान में है। कुछ वर्षों से नकली नोटों का धंधा थोड़ा मंदा पड़ गया था, लेकिन अब बड़े पैमाने पर इसे फिर से शुरू करने की साजिश रफ्तार पकड़ रही है।
बांग्लादेश से नकली नोट पहुंचते हैं मालदा
बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के कारण ISI को अपनी गतिविधियों को बढ़ाने का एक मौका दिख रहा है। पाकिस्तान में छपने वाले सारे नकली नोट सबसे पहले बांग्लादेश भेजे जाते हैं। ISI को नकली नोट बांग्लादेश भेजने में कोई दिक्कत नहीं होती क्योंकि इस्लामाबाद और ढाका के बीच मौजूदा समय में घनिष्ठ संबंध हैं। समुद्री मार्ग खुल गया है और पाकिस्तानियों के लिए वीजा प्रक्रिया बहुत आसान हो गई है। ISI इसी का फायदा उठा रही है। बांग्लादेश से ये लोग नकली नोटों को मालदा और मुर्शिदाबाद भी पहुंचाते हैं जहां से इन्हें पूरे देश में खपाया जाता है। अधिकारियों की रिपोर्ट के अनुसार, बंगाल के अलावा देश के कई हिस्सों में छोटे-छोटे माड्यूल स्थापित किए गए हैं।
आतंकी संगठनों को पुनर्जीवित करने की कोशिश में ISI
एक अधिकारी ने बताया कि ऐसे मामलों में वृद्धि हुई है क्योंकि ISI और D सिंडिकेट इसे बड़े पैमाने पर बढ़ावा दे रहे हैं। ISI को धन की सख्त जरूरत है क्योंकि वह न केवल पाकिस्तान में आतंकी संगठनों को पुनर्जीवित करने की कोशिश कर रही है, बल्कि बांग्लादेश में एक और मोर्चा भी बना रही है। वह भारत को दोनों मोर्चों पर उलझाना चाहती है, इसलिए ISI और D सिंडिकेट साथ मिलकर साजिश रच रहे हैं। भारत में इस गोरखधंधे को अंजाम देने वाले ये रैकेट नकली नोटों को बाजार में खपाने के लिए तरह-तरह के तरीके अपनाते रहे हैं।
केरल में भी नकली नोटों की तस्करी बढ़ाने का प्रयास तेज
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के रास्ते केरल में भी नकली नोटों की तस्करी का प्रयास तेज हो गया है। पिछले कुछ वर्षों में, केरल का कासरगोड नकली नोटों की तस्करी का एक प्रमुख केंद्र बन गया है। एमबी मूसा, अब्दुल रहमान, केएम हमजा, कल्लत्रा अब्दुल, खादर हाजी, इराभीम सोपी, केएस अब्दुल्ला और कदावथ अट्टा इस रैकेट को चला रहे थे। पाकिस्तान से आने वाले नोट UAE के रास्ते इन लोगों तक पहुंचते थे। अधिकारियों का कहना है कि केरल मार्ग पर नियंत्रण रखना सबसे कठिन है। खाड़ी देशों की यात्रा करने वाले लोगों की भारी संख्या के कारण हवाई अड्डों पर भारी भीड़ रहती है। केरल के इन हवाई अड्डों पर सुरक्षा व्यवस्था पर पड़ रहे दबाव का फायदा ISI ने उठाया है। ज्यादातर मामलों में सीमा शुल्क विभागों में कर्मचारियों की कमी के कारण ये लोग बच निकलते हैं। इससे हर किसी की जांच करना मुश्किल हो जाता है।