ब्याज दरों में बदलाव की संभावना नहीं

मुंबई ! भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा बुधवार को चालू वित्त वर्ष की अंतिम मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों में किसी परिवर्तन की संभावना न के बराबर मानी जा रही है।;

Update: 2017-02-07 22:24 GMT

मुंबई !  भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा बुधवार को चालू वित्त वर्ष की अंतिम मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों में किसी परिवर्तन की संभावना न के बराबर मानी जा रही है। नवंबर में नोटबंदी के बाद आरबीआई दूसरी बार ब्याज दरों की समीक्षा कर रहा है, जब बैंकों में तरलता काफी ज्यादा है और वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा हो रहा है।

नोटबंदी के कारण बैंक जमा में तेज बढ़ोतरी हुई है और ब्याज दरों में एक फीसदी तक की गिरावट हो चुकी है।

विश्लेषकों के मुताबिक मुद्रास्फीति में उतार-चढ़ाव को देखते हुए तथा बैंक द्वारा नोटबंदी के बाद की गई ब्याज दरों में कटौती के मद्देनजर आरबीआई एहतियात के साथ कदम उठा सकता है।

इस संबंध में सिटीबैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया, "नोटंबदी के बाद पुनर्मुद्रीकरण की प्रक्रिया के कारण आरबीआई अभी ब्याज दरों में कटौती नहीं कर सकती है, क्योंकि पुनर्मुद्रीकरण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद बैंकों के उधार देने योग्य संसाधनों में स्पष्टता आएगी।"

आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने दिसंबर में एक आश्चर्यजनक कदम में अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के दौरान बैंकों के लिए पुनर्खरीद दर या अल्पकालिक उधारी दर को 6.25 फीसदी पर बरकरार रखा था।

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