हरिहर स्कूल के छात्राओं को आपदा प्रबंधन की दी गई जानकारी
सीमा सिंह ने कहा कि आपदाएं दो तरह की होती है, प्राकृतिक एवं मानवीय;
नवापारा-राजिम। अकादमी की सदस्य सीमा सिंह के नेतृत्व आपदा प्रबंधन डिजास्टर सेफ्टी इन स्कूल विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई।
सीमा सिंह ने बताया कि बाढ़, भूकंप, सुनामी आदि प्राकृतिक आपदाओं से हमें किस तरह से बचाव करना चाहिए? इसके साथ ही मानव जनित आपदा जैसे भगदड़, रेल दुर्घटना, सूखा, जंगल में आग, औद्योगिक एवं रासायनिक आपदा से बचने के संबंध में छात्रों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया।
उन्होंने छात्रों को जानकारी दी कि आग लगने का कारण अक्सर लापरवाही ही होती है। आग लग जाने पर सबसे पहले ज्वलनशील पदार्थ को अलग कर दें।
इसी तरह उन्होंने दुर्घटना होने, कुत्ता, बिच्छू, संाप आदि के काटने पर किए जाने वाले प्राथमिक उपचार के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना होने पर हमें तत्काल नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र जाकर डॉक्टर की सहायता लेनी चाहिए।
उन्होंने यह भी बताया कि छग में रहन-सहन, वातावरण के के कारण लू लगने की संभावना अन्य प्रदेशों की अपेक्षा कम होती है। क्योंकि यहां पर आम ग्रामीण बासी-बोरे, भाजी-तरकारी तथा प्याज का सेवन अधिक करते हैं। जों हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
यहां कार्यशाला में नवमी से बारहवीं तक के 100 छात्रों ने भाग लिया। जिसमें एनएसएस, एनसीसी एवं रेडक्रास व स्काउट के छात्र अधिक थे। प्रारंभ में सीमा सिंह का प्रभारी प्राचार्य श्रीमती एफ के दानी ने पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया।
श्रीमती दानी ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि इस विद्यालय को आपदा प्रबंधन की कार्यशाला के लिए चयनित किया गया, जहंा पर बच्चों को आपदा से निपटने के तरीके बताए गए।
कार्यक्रम में प्रशासन अकादमी की ओर से छात्रों हेतु भोजन एवं स्वल्पाहार की व्यवस्था रखी गई थी। इस अवसर पर एमएस राजपूत, एसएन देवांगन, संध्या शर्मा, उत्तरा कदम, महेश नेताम, बीएल अवसरिया, तोषराम धु्रव, बल्लूराम देवांगन, यादराम साहू सहित बड़ी संख्या में छात्र मौजूद थे।