डिसइन्फेक्टेंट के सुरक्षित प्रयोग के पक्ष में उद्योग जगत और शोध इकाइयां

एएमएआई, सीएसआईआर-एनसीएल , पुणे और मुंबई के इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (आईसीटी) ने डिसइन्फेक्टेंट के सुरक्षित प्रयोग को लेकर एक साथ मिलकर जागरूकता फैलाने का फैसला किया है।;

Update: 2020-05-27 18:24 GMT

नयी दिल्ली। एल्कली मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एएमएआई); नेशनल केमिकल लैबोरेटरी (सीएसआईआर-एनसीएल), पुणे और मुंबई के इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी (आईसीटी) ने डिसइन्फेक्टेंट के सुरक्षित प्रयोग को लेकर एक साथ मिलकर जागरूकता फैलाने का फैसला किया है।

काेरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में डिसइन्फेक्टेंट की अहम भूमिका सामने आई है। इन संगठनों की ओर से जारी बयान के मुताबिक, कई जगहों पर लोगों ने एक डिसइन्फेक्टेंट चैंबर तैयार कर लिया है। इन चैंबर में से जैसे ही कोई गुजरता है, इसमें लगी मशीन की मदद से उस पर डिसइन्फेक्टेंट का छिड़काव हो जाता है। ऐसा करने से फायदा कम नुकसान ज्यादा हो सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एडवाइजरी के हवाले से इन संगठनों ने आज यहां जारी बयान में कहा कि सोडियम हाइपोक्लोराइट जैसे डिसइन्फेक्टेंट का प्रयोग किसी सतह को डिसइन्फेक्ट करने के लिए होना चाहिए, किसी मनुष्य के लिए नहीं। डिसइन्फेक्शन में इस्तेमाल होने वाले सोडियम हाइपोक्लोराइट, क्लोरीन, ब्लीचिंग सॉल्यूशन/पाउडर आदि का उत्पादन करने वाले एल्कली उद्योग के प्रतिनिधि संगठन एएमएआई के अध्यक्ष जयंतीभाई पटेल ने कहा, ’वैज्ञानिक शोध में शामिल दो अग्रणी संगठनों का सहयोग मिलना हमारे लिए खुशी की बात है। इन संगठनों ने प्रयोगशाला में अध्ययन के बाद डिसइन्फेक्टेंट के सुरक्षित प्रयोग के हमारे विचारों का समर्थन किया है।’

सीएसआईआर-एनसीएल के निदेशक अश्विनी कुमार नांगिया ने कहा, ’डिसइन्फेक्टेंट के तौर पर सोडियम हाइपोक्लोरोइट या ब्लीच या हाइपो का प्रयोग बहुत सावधानी से करना चाहिए और इन्हें त्वचा पर लगाने से बचना चाहिए क्योंकि इससे त्वचा को नुकसान पहुंच सकता है या खुजली हो सकती है। इनके प्रयोग के समय आंखों को भी चश्मे या फेस शील्ड आदि से ढंककर रखना चाहिए।’

उन्होंने कहा, ’ज्यादा कंसंट्रेशन में डिसइन्फेक्टेंट के प्रयोग से लोग ज्यादा रसायन का शिकार हो सकते हैं और सतह को भी नुकसान पहुंच सकता है। अच्छी तरह से डाइल्यूट किए हुए डिसइन्फेक्टेंट को सतह पर बराबर मात्रा में प्रयोग करना चाहिए और कम से कम एक मिनट के लिए उसे छोड़ देना चाहिए, जिससे सभी बैक्टीरिया या वायरस खत्म हो सकें।’

आईसीटी के कुलपति प्रोफेसर ए. बी. पंडित ने कहा, ’भारतीय मानक ब्यूरो ने घर में प्रयोग के लिए 4 से 6 प्रतिशत कंसंट्रेशन वाले सोडियम हाइपोक्लोराइट को मंजूरी दी है। वाणिज्यिक रूप से मिलने वाले इस कंसंट्रेशन को भी किसी प्रशिक्षित व्यक्ति की निगरानी में पानी मिलाकर डाइल्यूट करना चाहिए, ताकि डिसइन्फेक्शन के लिए उसका प्रयोग किया जा सके।’
 

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