ट्रंप का निमंत्रण ठुकराना भारत की कूटनीतिक नासमझी : कांग्रेस

गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बनने का अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भारत द्वारा दिया गया निमंत्रण अस्वीकार कर दिए जाने को कांग्रेस ने मंगलवार को एक 'कूटनीतिक नासमझी' करार दिया;

Update: 2018-10-30 22:46 GMT

नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बनने का अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भारत द्वारा दिया गया निमंत्रण अस्वीकार कर दिए जाने को कांग्रेस ने मंगलवार को एक 'कूटनीतिक नासमझी' करार दिया और कहा कि देश को इस शर्मिदगी से बचाया जा सकता था। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा, "इस बात को याद करना महत्वपूर्ण है कि भारत सरकार ने जब भी अपने प्रधानमंत्री के माध्यम से किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष और शासनाध्यक्ष को गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया है, उसे कभी ठुकराया नहीं गया है और सरकार तभी निमंत्रण भेजती है, जब वह सुनिश्चित हो जाती है कि उसे स्वीकार किया जाएगा। कूटनीतिक माध्यम इसी तरीके से काम करते हैं।"

शर्मा ने कहा, "यह एक कूटनीतिक नासमझी हुई है।" उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किए बगैर निमंत्रण नहीं भेजा जाना चाहिए था कि वाशिंगटन पहुंचने पर इसे स्वीकार कर लिया जाएगा।

कांग्रेस नेता ने कहा, "दिल्ली में घोषणा की गई, वाशिंगटन से घोषणा की गई और व्हाइट हाउस ने भी पुष्टि की कि अमेरिकी राष्ट्रपति को निमंत्रण मिल गया है। मैं कहूंगा कि भारतीय गणराज्य को इस शर्मिदगी से बचाया जा सकता था।"

शर्मा ने नरेंद्र मोदी सरकार की निंदा करते हुए कहा, "इस सरकार की विदेश नीति बेतुकी है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को याद रखना चाहिए कि प्रमुख रणनीतिक साझेदारों के साथ आदान-प्रदान व्यावहारिक नहीं हो सकती, बल्कि इसे निरंतरता, सुसंगतता और शुद्धता के एक चक्र की तरह होना चाहिए।"

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