नारी शक्ति को समर्पित है 'इंडिया कार्पेट एक्सपो' : अजय टमटा

राजधानी दिल्ली के एनएसआईसी एक्जीबिशन ग्राउंड ओखला में 4 दिवसीय 35वें 'इंडिया कार्पेट एक्स्पो 2018' का उद्घाटन टेक्सटाइल मंत्री अजय टमटा ने गुरुवार को किया;

Update: 2018-03-08 23:53 GMT

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के एनएसआईसी एक्जीबिशन ग्राउंड ओखला में 4 दिवसीय 35वें 'इंडिया कार्पेट एक्स्पो 2018' का उद्घाटन टेक्सटाइल मंत्री अजय टमटा ने गुरुवार को किया। कालीन निर्यात संवर्धन परिषद द्वारा आयोजित यह प्रदर्शनी 8 मार्च से 11 मार्च तक चलेगी। टेक्सटाइम मंत्री अजय टमटा ने इस अवसर पर कहा, "आज का दिन यानी 8 मार्च महिला शक्ति का दिन है और कार्पेट उद्योग में महिलाओं की बहुत भागीदारी है। महिलाएं दिन रात एक करके अपनी कड़ी मेहनत से कार्पेट उद्योग में अपना योगदान दे रही हैं। इसलिए यह एक्सपो आज के दिन उन्हीं महिलाओं को समर्पित है।" 

'इंडिया कार्पेट एक्सपो' हाथ से बने कालीनों के एशिया के सबसे बड़े मेलों में से एक है। यह खरीदारों के लिए एक खास प्लेटफॉर्म है, जहां पर वे एक ही जगह से उम्दा हस्तनिर्मित कालीन, रग्स व अन्य फ्लोर कवरिंग प्राप्त कर सकते हैं। यह एक्सपो हर साल होता है, इसका उद्देश्य भारतीय हस्तनिर्मित कालीनों व अन्य फ्लोर कवरिंग की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करना और विदेशों से आने वाले कालीन खरीदारों के बीच भारतीय बुनकरों के कौशल को बढ़ावा देना है।

35वीं इंडिया कार्पेट एक्स्पो में 60 देशों से अधिक कालीन आयातक भाग ले रहे है। हालांकि परम्परागत रूप से ये आयातक ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कैनेडा, चीन, चिली, जर्मनी, मैक्सिको, रूस, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूके और अमेरिका से होते हैं, किंतु इस बार बुल्गारिया, इजरायल, मलेशिया, मॉरिशस, ताईवान, जिम्बाबे, वियतनाम, सर्बिया और हंगरी के आयातक भी आए हैं।

कालीन निर्यात संवर्धन परिषद के चेयरमैन महावीर प्रताप शर्मा ने कहा, "हम उम्मीद कर रहे हैं कि इस एक्स्पो से 300-400 करोड़ रुपये का कारोबार मिलेगा तथा हमारे नव विकसित संबन्धों से अतिरिक्त 800-1000 करोड़ रुपये मूल्य के कारोबार को लेकर पूछताछ होगी। हम चीन के साथ पूछताछ, जुड़ाव और वहां निर्यात की संभावनाओं की भी अपेक्षा कर रहे हैं।"

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