अधुरे आरयूबी से लोग परेशान, आंदोलन की चेतावनी

समीपस्थ ग्रामों मुरालीपाली, डोंगाढ़केल, केराझर, पण्डरीपानी के ग्रामवासियों का गुस्सा इन दिनों रेल्वे प्रशासन एवं जिला प्रशासन के खिलाफ अत्याधिक उग्र होता जा रहा है।;

Update: 2017-03-29 15:58 GMT

रायगढ़।  समीपस्थ ग्रामों मुरालीपाली, डोंगाढ़केल, केराझर, पण्डरीपानी के ग्रामवासियों का गुस्सा इन दिनों रेल्वे प्रशासन एवं जिला प्रशासन के खिलाफ अत्याधिक उग्र होता जा रहा है। इसका खामियाजा पिछले दिनों भा.ज.पा. रायगढ़ ग्रामीण पश्चिम मण्डल के पदाधिकारियों को झेलना पड़ा।

दरअसल पिछले तीन वर्ष पूर्व मुरालीपाली एवं डोंगाढ़केल के पी.डब्ल्यू.डी. एवं पी.एम. जी.एस.वाई. के सड़कों पर दो मानव रहित फाटक रेल्वे लाईन पर थे। जिसमें से आवगमन अनेक ग्रामों के वासी करते थे तथा इन ग्रामों के कृषक अपने खेतों में जाकर खेती कर लेते थे, साथ ही सारे स्कूल रेल्वे लाईन पर होने के कारण छात्र-छात्राएँ भी स्कूल आना-जाना करते थे। परन्तु मानव रहित फाटकों को त्न्ठ निर्माण किया जा रहा है कह कर बंद कर दिया गया। साथ ही दोनों सड़कों को भी रेल्वे सीमा के अंदर तक उखाड़ दिया गया। परन्तु त्न्ठ निर्माण को दो वर्षों से अधुरा छोड़ दिया गया है एवं इसमें लगभग वर्ष भर पानी एवं कीचड़ भरा रहता है। अब ग्रामवासियों को एक गाँव से दूसरे गाँव, स्कूल या कृषि करने के लिये अपने ही खेत में जाने के लिये 10 से 12 कि.मी. घुम कर जाना पड़ता है क्योंकि वाहन का पटरी पार करना संभव नहीं है।

परन्तु छात्र-छात्राएँ अपनी जान हथेली पर रखकर पटरी पार करते हैं। कई बार बाईक पार करते समय बाईक चालक को ट्रेन आने से बाईक को छोड़कर भागना पड़ता है। बाईक को ट्रेन 1 कि.मी. तक घसीट चुकी है। लगातार लोगों के जान जोखिम एवं ट्रेन एक्सीडेंट तथा घोर परेशानी से त्रस्त ग्रामवासी अब आक्रोश की चरम सीमा में है। ग्रामवासियों ने अनेक बार रेल प्रशासन, जिला प्रशासन विधायक सांसद एवं मंत्रियों को इस समस्या से अवगत करा चुके हैं, परन्तु इसका निराकरण नहीं हो पाया। इस बार लोक समाधान शिविर में इसकी शिकायत की अनेक ग्रामवासियों ने की है।

इन्हीं ग्रामों के भा.ज.पा. कार्यकर्ताओं ने मंडल अध्यक्ष एवं अन्य पदाधिकारियों सहित वरिष्ठ नेताओं को यहां बुलवाया और इसके निराकरण न होने पर 15 अप्रैल को रेल रोको आन्दोलन में ग्रामवासियों का साथ देने का दबाव बनाया है। मंडल भा.ज.पा. अध्यक्ष ने इसके लिये सहमति भी प्रदान की है।    लोक समाधान शिविर 7 अप्रैल को है। इसका निराकरण एवं कार्य प्रारंभ करने का अल्टीमेटम ग्रामवासियों ने 15 अप्रैल तक दिया है। ऐसा प्रतीत होता है कि अब ग्रामवासी आर-पार लड़ाई के मूड़ में हैं। यदि प्रशासन ने इसका निराकरण नहीं किया तो एक बड़े स्वस्फूर्त आंदोलन की संभावना है।

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