प्रभारी डीएफओ को नहीं ले जा सके सुअर खेड़ा के जंगल
वन मंडल रायगढ़ में बंगुरसिया में लाखों के कूप जलने की घटना, बंगुरसिया में ही स्टापडेम निर्माण में भ्रष्टाचार, डंडा व हेलमेट खरीदी के मामले में गड़बड़ी जैसे कई मामले का खुलासा हो चुका;
रायगढ़। वन मंडल रायगढ़ में बंगुरसिया में लाखों के कूप जलने की घटना, बंगुरसिया में ही स्टापडेम निर्माण में भ्रष्टाचार, डंडा व हेलमेट खरीदी के मामले में गड़बड़ी जैसे कई मामले का खुलासा हो चुका है और इसके बाद भी यहां विभाग के अधिकारियों की लापरवाही जारी है। यही कारण है कि दो दिन पहले पौधरोपण में लापरवाही का मामला उजागर हुआ और जब कल प्रभारी डीएफओ बरमकेला क्षेत्र में पौध रोपण देखने के लिए पहुंचे, तो उन्हें स्थानीय कर्मचारियों ने गुमराह करते हुए सारंगढ़ रेंज के सुअरगुड़ा के जंगल में नहीं ले कर गए, जहां पौधों का काफी मात्रा में नुकसान हो गया। बल्कि बरमकेला क्षेत्र के कुछ गांव में ही पौधरोपण दिखा दिया गया। ऐसे में इस मामले में भी विभाग के पूर्व से पदस्थ अधिकारी प्रभारी डीएफओ से मामले को छिपाने में लगे हुए हैं।
इस संबंध में विस्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सारंगढ़ रेंज के केडार व सुअरगुड़ा में पौधरोपण में गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद वन विभाग के अधिकारी सकते में आ गए और मामले को प्रभारी डीएफओ के जाधव ने भी गंभीरता से लिया और कल सुअरगुड़ा के जंगल के दौरे पर निकल गए, पर उन्हें स्थानीय अधिकारियों ने बरमकेला रेंज के छिंकीपाली, जगदीशपुर, धोबनीपाली सहित आसपास के क्षेत्रों में ले जाकर पौधरोपण को दिखा दिया। चुंकि एक दिन पूर्व ही प्रभारी डीएफओ रायगढ़ पहुंचे थे, तो उन्हें स्थानीय वन कर्मचारियों ने उन जगह की जानकारी नहीं दी। जहां पौधों का नुकसान हुआ है। जबकि केडार डेम के पास लिए गए पौधों व विडियोग्राफ्स विभाग के कर्मचारियों की लचर कार्यों की पोल खोल रही है।
बताया जा रहा है कि विभाग में पदस्थ पूर्व के अधिकारी प्रभारी डीएफओ से भी गड़बड़ी को छिपाने लगे हैं। विदित हो कि कुछ इसी तरह की स्थिति उस समय भी देखने को मिली थी। जब बंगुरसिया में लाखों का कूप जल गया था और मामले की जानकारी तत्काल उच्च अधिकारियों को नहीं दी गई थी। हांलाकि इस मामले में बाद में दो वनकर्मियों को सस्पेंड किया गया था, पर आगे की कार्रवाई करने के बजाए मामले को दबा दिया गया। हांलाकि प्रभारी डीएफओ के जाधव ने पौधरोपण के नुकसान को गंभीरता से लेते हुए तत्काल दौरे पर निकल गए, इससे यह स्पष्ट हो रहा है कि रायगढ़ वन मंडल का उद्धार होने की उम्मीद फिर से दिखने लगी है।
घेराव की थी तैयारी
विभागीय जानकारों ने बताया कि पौध रोपण से पहले कई प्रकार की तैयारिंया की जाती है, लेकिन सारंगढ़ रेंज में तीन लाख से अधिक पौधे लगाने की बात कहने वाले अधिकारियों ने इसकी तैयारियां पूर्व से नहीं की। अब भी पौधरोपण क्षेत्र में घेराव नहीं किए जाने की बात कही जा रही है। बताया जा रहा है कि करीब 13 हजार पोल की खरीदी की गई थी और जानकारों का कहना है कि घेराव के लिए मंगाए गए घटिया स्तर के कई खंभे भी केडार में बीटगार्ड क्वार्टर के बाहर में पड़े हुए हैं। जबकि पौधरोपण से पहले घेराव किया जाना चाहिए। ताकि मवेशियों से इसे बचाया जा सके।