राफेल विमान खरीद के मामले में भाजपा ने देश को अंधेरे में रखा: कपिल सिब्बल

कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर राफेल विमान खरीद के मामले में देश को अंधेरे में रखने का आरोप लगाते हुये विमान की कीमत सार्वजनिक करने की मांग की है;

Update: 2018-09-01 16:45 GMT

उदयपुर। कांग्रेस पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर राफेल विमान खरीद के मामले में देश को अंधेरे में रखने का आरोप लगाते हुये विमान की कीमत सार्वजनिक करने की मांग की है।

कांग्रेस के प्रवक्ता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने आज यहां पत्रकारों को बताया कि वर्ष 2012 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने फ्रांस की डिसोल्ट कंपनी से 126 लडाकू विमान खरीदने का अनुबंध किया था। इसके तहत 108 विमान एच ए एल कम्पनी में बनने थे जबकि 18 राफेल विमान बने बनाये खरीदे जाने थे। जिनमें एक विमान की कीमत लगभग 560 करोड़ रुपये तय की थी।

उन्होंने कहा कि पीएम  मोदी ने उक्त सौदे को रद्द करते हुये डिसोल्ट कम्पनी से तीन गुणा अधिक कीमत पर 36 विमान खरीदने का अनुबंध किया है। इस प्रकार पूर्व के सौदे के अनुसार 36 राफेल विमान की कीमत लगभग 18 हजार करोड़ बनती थी जबकि यह नये सौदे के अनुसार बढ़कर 60 हजार करोड रुपये हो गयी।

उन्होंने कहा कि इसका अंतर लगभग 41 हजार करोड़ होता हैं और देश जानना चाहता है कि इसमें ऐसी कौनसी चीज है जिससे इतना अधिक भुगतान करना पड़ेगा और देश की सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनी एच एल को इस सौदे से क्यों बाहर रखा गया।

सिब्बल ने कहा कि भाजपा के कुछ नेता कहते है कि लड़ाकू विमान की कीमत नहीं बताने की वजह दोनों देशों की सरकारों का आपसी समझौता हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने फ्रांस से मिराज खरीदा तो कीमत को सार्वजनिक किया था। उन्होंने कहा कि रुस से सुखोई विमान खरीदा गया तब भी तो दाम बताये गये थे तो आप दाम क्यों नहीं बता सकते। उन्होंने कहा कि कीमत सार्वजनिक नहीं करने की वजह कुछ और हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कहते है कि “ ना मैं खाउूंगा और ना खाने दूंगा” उनको यह नारा बदल देना चाहिये और नया नारा देना चाहिये कि “ना बताऊंगा और ना बताने दूंगा”।

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