जिन अस्पतालों में नर सेवा, नारायण सेवा की भावना प्रबल हो, वहां मानवता के श्रेष्ठतम रूप का दर्शन होता है : राष्ट्रपति

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि जिन अस्पतालों में नर सेवा, नारायण सेवा की भावना प्रबल हो, वहां मानवता के श्रेष्ठतम रूप का दर्शन होता है;

Update: 2023-12-11 23:39 GMT

लखनऊ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को कहा कि जिन अस्पतालों में नर सेवा, नारायण सेवा की भावना प्रबल हो, वहां मानवता के श्रेष्ठतम रूप का दर्शन होता है। डिवाइन हार्ट हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर का ध्येय इसी पर आधारित है।

उन्होंने कहा कि मानवता की सेवा का यह भाव सराहनीय है। प्रसन्नता है कि यह अस्पताल मानवता की सेवा भावना से कार्य कर रहा है।

राष्ट्रपति ने यहाँ डिवाइन हार्ट फाउंडेशन के 27वें स्थापना दिवस समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए हार्ट केयर के डॉक्टरों से अनुरोध किया कि समाज के जन-जन को स्वस्थ हृदय के बारे में जागरूक करें। डॉक्टर एक अस्पताल में 100, 200 व 500 का इलाज करते हैं, लेकिन जनजागरूकता से हजारों को लाभान्वित कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि देशवासियों को कम दर पर अच्छी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराएंगे और हम सभी मिलकर स्वस्थ व समृद्ध भारत का निर्माण करेंगे।

राष्ट्रपति ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भी याद किया। उन्होंने कहा कि परम श्रद्धेय अटल जी का लखनऊ के लोगों से गहरा रिश्ता था। आपने प्रतिनिधि के रूप में जहां अटल जी को चुना, वहीं देश को अद्भुत प्रधानमंत्री व भारत रत्न दिया। वे हमारे लोकतंत्र और लखनऊ के अनमोल ध्येय थे।

उन्होंने कहा कि आज वाराणसी की सुबह व अवध की शाम की तारीफ में बहुत कुछ लिखा जाता है। मैं सुबह वाराणसी और शाम को लखनऊ में हूं। यहां की तहजीब के किस्से बहुत लोकप्रिय हैं। मेरा जन्म स्थान ओडिशा है। हिंदी की गहरी जानकारी नहीं है, लेकिन गौर किया है कि यहां के लोग मैं कि जगह हम का इस्तेमाल करते हैं यानी एक व्यक्ति भी खुद को समूह से जोड़कर देखता है और यही भावना हमें भारतीय बनाती है। अलग धर्म, जाति, क्षेत्र राज्य व आस्था से जुड़े होने के बावजूद हमारी पहचान भारतीय ही है।

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