मप्र में मिला-जुला रहा भारत बंद का असर
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में मंगलवार को बुलाए गए भारत बंद के आहवान का मध्य प्रदेश में मिला जुला असर नजर आया;
भोपाल। केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में मंगलवार को बुलाए गए भारत बंद के आहवान का मध्य प्रदेश में मिला जुला असर नजर आया। किसानों के अलावा कांग्रेस कार्यकर्ता भी सड़कांे पर उतरे, मगर आम जिंदगी पर ज्यादा असर नहीं पड़ा। कई स्थानों पर जरुर बाजारों में चहल-पहल कम रही।
किसान संगठनों ने मंगलवार को भारत बंद का आहवान किया, इसे कांग्रेस सहित कई अन्य राजनीतिक दलों का भी समर्थन हासिल रहा। भोपाल की मंडियों में सुबह का कामकाज आम दिनों की तरह ही चला। वहीं चूना भट्टी इलाके में सड़क पर उतरे किसानों ने जाम लगाया और सड़क पर ही खाना बनाकर खाया।
राजधानी भोपाल के रोशनपुरा चौराहे पर कांग्रेस द्वारा भारत बंद का समर्थन किया गया। इस कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारत कृषक समाज के प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा।
इंदौर में भी कांग्रेस कार्यकर्ता नेताओं के साथ सड़कों पर उतरे हैं। इस बंद को व्यापारियों का समर्थन नहीं मिला है। इस पर पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने व्यापारियों से आंदोलन का साथ देने की मांग करते हुए कहा कि व्यापारी यह मान लें कि जब किसान प्रभावित होगा, तो उनका भी कारोबार प्रभावित होगा। कांग्रेस के प्रदर्शन को ध्यान में रखकर संयोगितागंज स्थित अनाज मंडी व छावनी मंडी क्षेत्र में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय िंसंह ने भी इंदौर में प्रदर्शन में हिस्सा लिया और अन्य लोगों से संवाद किया। साथ ही किसानों के आंदोलन को सफल बनाने की अपील की।
ग्वालियर में भी किसान और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के अलावा आम आदमी पार्टी ने भी भारत बंद में हिस्सा लिया। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के आवास पर प्रदर्शन करने पहुंचे एक दर्जन से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया। वहीं डबरा में पुतला दहन किया गया। ग्वालियर में वैसे ही मंगलवार को बाजार बंद रहते हैं, इसीलिए बाजार बंद थे।
राज्य के अन्य हिस्सों उज्जैन, जबलपुर, सागर में भी बंद का मिलाजुला असर रहा, स्थितियां सामान्य रहीं। पुलिस बल की भारी तैनाती की गई थी। साथ ही भोपाल की ओर आने वाले मार्गो पर भारी पुलिस बल तैनात रहा।