उत्तराखंड में इगास पर अवकाश नहीं, वायरल पत्र फर्जी : सरकार

उत्तराखंड में इगास यानी छोटी दिवाली आठ नवंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित नहीं किया गया है। इस संबंध में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा पत्र फर्जी है;

Update: 2019-11-08 01:40 GMT

नैनीताल। उत्तराखंड में इगास यानी छोटी दिवाली आठ नवंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित नहीं किया गया है। इस संबंध में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा पत्र फर्जी है।

प्रदेश की अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की ओर से इस संबंध में एक पत्र जारी किया गया, जिसमें कहा गया है कि सोशल मीडिया पर आठ नवम्बर यानी इगास पर सार्वजनिक अवकाश को लेकर एक पत्र वायरल हो रहा है, जो पूरी तरह से फर्जी है।

सरकार की ओर से छोटी दीवाली पर किसी प्रकार का कोई अवकाश की घोेषणा नहीं की गयी है। पत्र में कहा गया है कि वायरल हो रहे पत्र से प्रदेश में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। कई लोगों द्वारा अवकाश को लेकर जानकारी मांगी जा रही है, जिसके कारण शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है। अतः जनहित में यह स्पष्ट करना है कि शासन की ओर से उपरोक्त तिथि को कोई अवकाश घोषित नहीं किया गया है।

अपर मुख्य सचिव की ओर से यह भी संकेत दिये गये हैं कि शासन इस मामले को लेकर गंभीर है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। शासन की ओर से इस मामले में मुुकदमा दर्ज कराया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी एवं राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी की ओर से पलायन को रोकने के लिये छोटी दीवाली यानी इगास अपने गांव में मनाने के लिये एक मुहिम चलायी जा रही है। उन्होंने प्रवासी उत्तराखंडियों से अनुरोध किया है कि वे इस बार की इगास अपने गांव में मनायें। इससे उत्तराखंड में हो रहे पलायन को रोकने में मदद मिल सकेगी। श्री बलूनी की पहल पर उत्तराखंड की कई हस्तियों ने इस साल अपने गांव में इगास मनाने का वादा किया है। श्री बलूनी ने भी इगास अपने गांव में मनाने का निर्णय लिया था लेकिन वह अस्वस्थ होने के कारण वह अपने गांव नहीं पहुंच रहे हैं। उनकी जगह पर उनके खास मित्र एवं भाजपा नेता संवित्र पात्रा उनके गांव में इगास मनाने आ रहे हैं।

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