यदि एनआरसी में किसी का नाम छूट गया है तो वह आवेदन कर सकता है: राजनाथ सिंह

सरकार ने असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) के नाम पर बंगालियों को राज्य से भगाने की साजिश के आरोपों को आधारहीन बताते हुये आज आश्वासन दिया कि पहली सूची में जिनके नाम छूट गये हैं वे दुबारा आवेदन;

Update: 2018-01-04 13:27 GMT

नयी दिल्ली।  सरकार ने असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) के नाम पर बंगालियों को राज्य से भगाने की साजिश के आरोपों को आधारहीन बताते हुये आज आश्वासन दिया कि पहली सूची में जिनके नाम छूट गये हैं वे दुबारा आवेदन कर सकते हैं और हर एक मामले की पूरी छानबीन की जायेगी।

लोकसभा में शून्यकाल के दौरान इस मुद्दे पर तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस के सदस्यों के हंगामे के बीच गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बयान देकर सदन को इस संबंध में आश्वस्त किया। उन्होंने कहा “असम में एनआरसी का काम उच्चतम न्यायालय की निगरानी में चल रहा है। पहली सूची में एक करोड़ 90 लाख लोगों का नाम आया है। जिनका नाम नहीं आया है उन्हें परेशान होने की जरूरत नहीं है।”

सिंह ने विपक्ष के आरोपों को “आधारहीन” बताया और कहा कि यदि किसी का नाम छूट गया है तो वह आवेदन कर सकता है। हर मामले में पूरी छानबीन की जायेगी। इससे पहले प्रश्नकाल समाप्त होते ही, लेकिन अध्यक्ष ने इसकी अनुमति नहीं दी।

सदन के पटल पर जरूरी कागजात रखवाने के बाद उन्होंने शून्य काल की कार्रवाई शुरू करते हुये एक सदस्य को बोलने के लिए आमंत्रित किया। इस पर एक बार फिर विपक्षी सदस्य शोर मचाने लगे। वे कह रहे थे कि यह राज्य से बंगालियों को भगाने की कोशिश है। उन्हें असम में रहने दिया जाना चाहिये। यह गंभीर मुद्दा है।

 इसके बाद  सिंह ने खड़े होकर बयान दिया। बयान के बाद भी विपक्षी सदस्यों ने थोड़ा बहुत हंगामा किया, लेकिन फिर वे शांत हो गये।

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