अगर राहुल हर जगह आरएसएस का हाथ देखते हैं, तो मैं क्या कर सकता हूं : शाह

भाजपा के अध्यक्ष शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल के नौकरशाहों के कैडर और सेवा आवंटन प्रक्रिया में आरएसएस के हस्तक्षेप के बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर राहुल गांधी हर चीज में आरएसएस का हाथ देखते है;

Update: 2018-05-22 21:04 GMT

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नौकरशाहों के कैडर और सेवा आवंटन प्रक्रिया में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के हस्तक्षेप के बयान पर निशाना साधते हुए मंगलवार को कहा कि अगर राहुल गांधी हर चीज में आरएसएस का हाथ देखते हैं तो वह इसमें कुछ नहीं कर सकते। राहुल गांधी ने इससे पहले दिन में एक ट्वीट कर केवल फाउंडेशन कोर्स के आधार पर ही सिविल सेवा में चयनित उम्मीदवारों के सेवा और कैडर आवंटन करने के सरकार के प्रस्ताव की आलोचना की थी। अभी यह आवंटन इस कोर्स से पूर्व होता है।

शाह ने पत्रकारों से कहा, "मैं यह समझने में विफल हूं कि इसमें आरएसएस कहां से आ गया। परीक्षा जैसे होती थी, वैसी ही होगी। जो भी परीक्षा पास करेगा उसपर किसी भी प्रकार का मनमाना नियंत्रण करने की कोशिश नहीं की जाएगी। सवाल यह है कि कैसे प्रशिक्षण को प्रदर्शन से जोड़ा जाए और यह भी अभी केवल प्रस्ताव है। इस पर निर्णय किया जाना अभी बाकी है।"

उन्होंने मीडिया को भी 'बिना दिमाग लगाए सवाल पूछने पर' कटघरे में खड़ा करते हुए कहा, "अगर वह (राहुल गांधी) हर चीज में आरएसएस को देखते हैं तो मैं इसमें कुछ नहीं कर सकता।"

राहुल ने 'हैशटैग बायबाय यूपीएससी' के साथ ट्वीट किया, "जागो छात्रों, आपका भविष्य खतरे में है! आरएसएस वह चाहता है जो आप का हक है। नीचे दिए पत्र से यह खुलासा होता है कि प्रधानमंत्री अब परीक्षा की रैंकिंग के आधार पर नहीं, बल्कि व्यक्तिपरक मानदंडों के आधार पर मेरिट सूची में हेरफेर कर केंद्रीय सेवा में आरएसएस की पसंद के अधिकारियों को नियुक्त करना चाहते हैं।"

कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग ने इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रस्ताव को लेकर सभी कैडर-कंट्रोलिंग मंत्रालयों को पत्र लिखकर सुझाव मांगा था कि क्या चयनित सदस्यों के सेवा और कैडर का आवंटन सिविल सेवा में प्राप्त अंक के आधार के बदले तीन माह के फाउंडेशन कोर्स के प्रदर्शन के आधार पर किया जा सकता है।

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