...25 जून तक समन्वय समिति नहीं बनी तो महागठबंधन से होना पड़ सकता है अलग : जीतनराम

श्री मांझी ने यहां अपने सरकारी आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि महागठबंधन को सुचारू रूप से चलाने के लिए समन्वय समिति बनाए जाने की उनकी मांग पर अभी तक कोई बात नहीं बनी है।;

Update: 2020-06-15 15:56 GMT

पटना।  बिहार में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नीत महागठबंधन के घटक हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने समन्वय समिति बनाने की मांग को आज फिर दोहराया और कहा कि यदि 25 जून तक समिति नहीं बनी तो महागठबंधन से अलग होना पड़ सकता है।

श्री मांझी ने यहां अपने सरकारी आवास पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि महागठबंधन को सुचारू रूप से चलाने के लिए समन्वय समिति बनाए जाने की उनकी मांग पर अभी तक कोई बात नहीं बनी है। महागठबंधन में समन्वय समिति बनाने की वह कई बार से मांग कर रहे हैं लेकिन इस पर अभी तक कोई भी पहल नहीं की गई है, जो दुखद है।

हम के अध्यक्ष ने कहा कि वह इस मुद्दे को लेकर 23 जून और 24 जून को महागठबंधन के घटक दल राजद, कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के नेताओं से बात करेंगे। यदि इसके बाद भी महागठबंधन में समन्वय समिति बनाए जाने पर सहमति नहीं बनी तो वह अपना रास्ता अलग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि 25 जून को इस मुद्दे पर वह कोई ठोस निर्णय लेंगे।

उल्लेखनीय है कि महागठबंधन में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के छोटे पुत्र एवं विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव को लेकर खींचतान जारी है। लेकिन, इन सबके बीच राजद ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा तेजस्वी ही होंगे। इसको लेकर हम अध्यक्ष श्री मांझी, रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा, और वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश साहनी कई बार गुपचुप बैठक भी कर चुके हैं। 

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