मैंने पन्नीरसेल्वम को जयललिता की समाधि पर बैठने का सुझाव दिया : गुरुमूर्ति

तमिल पत्रिका तुगलक के संपादक और स्वदेशी जागरण मंच के सह-संयोजक एस गुरुमूर्ति ने यह दावा करके विवाद खड़ा कर दिया;

Update: 2019-11-25 14:36 GMT

तिरुचिरापल्ली । तमिल पत्रिका तुगलक के संपादक और स्वदेशी जागरण मंच के सह-संयोजक एस गुरुमूर्ति ने यह दावा करके विवाद खड़ा कर दिया है कि ‘वर्ष 2017 में वी के शशिकला के ओ.पनीरसेल्वम (तत्कालीन कार्यवाहक मुख्यमंत्री) को पद से इस्तीफा के लिए दबाव डालने के बाद उन्होंने ही कुछ विचार हासिल करने के वास्ते जयललिता (दिवंगत मुख्यमंत्री) की समाधि पर बैठने या ध्यान लगाने की सलाह दी थी।’

 गुरुमूर्ति ने रविवार शाम यहां पत्रिका की स्वर्ण जयंती समारोह में कहा कि उन्होंने (अन्नाद्रमुक) ने दिवंगत जयललिता की करीबी सहयोगी शशिकला को मुख्यमंत्री बनाने के लिए सभी इंतजाम कर लिये थे। वह ( पन्नीरसेल्वम) मेरे पास आए और मुझसे पूछा कि मुझे और क्या करना है। मैंने उनसे कहा कि वे जयललिता की समाधि पर जाकर बैठें जहां उन्हें कुछ विचार हासिल होंगे।

भारतीय रिज़र्व बैंक के बोर्ड के सदस्यों में रहे गुरुमूर्ति ने कहा कि अन्नाद्रमुक के दोनों गुटों (ई. के.पलानीस्वामी और ओ.पन्नीरसेल्वम) को एकजुट करने में उनकी भूमिका रही। अन्नाद्रमुक के लोग मुझसे मिलते थे और मुझे कुछ करने (दोनों गुटों को एकजुट करने) के लिए कहते थे। उन्होंने कहा कि जयललिता की समाधि पर बैठने के लिए पन्नीरसेल्वम को उनके सुझाव से राज्य में बदलाव को प्रेरित किया।

द्रमुक पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जब तक परिवार का शासन चलता रहेगा तब तक किसी भी तरह का विकास नहीं हो सकता है।

 गुरुमूर्ति ने कहा कि अभिनेता से राजनेता बने रजनीकांत तमिलनाडु में बदलाव ला सकते हैं। केवल रजनीकांत की राजनीतिक प्रविष्टि ही तमिलनाडु को बदल सकती है ना कि संविधान का अनुच्छेद 356।

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