उत्तर भारतीयों पर हमले के लिए किसी को नहीं भड़काया: अल्पेश ठाकोर
गैर गुजरातियों विशेष रूप से बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों पर हो रहे हमलों को लेकर चौतरफा आलोचना झेल रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव, विधायक और ठाकोर सेना के अध्यक्ष अल्पेश ठाकोर ने आज कहा कि वह बिहार;
अहमदाबाद। गैर गुजरातियों विशेष रूप से बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों पर हो रहे हमलों को लेकर चौतरफा आलोचना झेल रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव, विधायक और ठाकोर सेना के अध्यक्ष अल्पेश ठाकोर ने आज कहा कि वह बिहार जायेंगे, जहां वह पार्टी के सह प्रभारी हैं, और लोगों को सच्चाई से अवगत करायेंगे।
ठाकोर ने पत्रकारों से कहा कि उन्होंने उत्तर भारतीयों पर हमले के लिए किसी को नहीं भड़काया। उनके संगठन और उनके समुदाय को तोड़ने के लिए गंदी राजनीति हो रही है और वह ऐसी राजनीति से तौबा कर लेंगे। वह गुरूवार से सद्भावना उपवास पर बैठेंगे और यह संभवत: उनका आखिरी उपवास होगा। इसमें उत्तर भारतीय लोग भी शामिल होंगे।
उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या वह बेवकूफ हैं कि गुजरात की छवि को नुकसान पहुंचायेंगे और बिहार में कांग्रेस के प्रभारी होने के बावजूद गुजरात से बिहारियों को भगाने का काम करेंगे। वह ठाकोर हैं, और गुजराती है पर मूल रूप से भारतीय हैं और राष्ट्रवादी हैं।
ठाकोर ने कहा कि गुजरात में ठाकोर समुदाय की आबादी ढाई करोड़ है अौर हंगामे में इसके कुछ लोगों के होने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता पर इसके लिए केवल ठाकोर लोगों को ही जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए। ऐसे प्रदर्शनों में कई जगह सरपंच तथा कई जगह बेरोजगार लोग शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि वह बार बार शांति के लिए अपील कर रहे हैं। पिछले तीन चार दिन से अपने बीमार बेटे के साथ हैं। उनसे राहुल गांधी ने भी फोन पर बात कर बेटे की कुशलक्षेम पूछी है। अगर उनकी वजह से राहुल जी को कोई नुकसान होता है तो वह इससे पहले ही त्यागपत्र दे देंगे। श्र ठाकोर ने यह भी आरोप लगाया कि उनके समर्थकों को गलत तरीके से पकड़ा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि वह बिहार जायेंगे चाहे उन्हें मार ही दिया जाये। वह वहां लोगों को बतायेंगे कि उनके साथ किस तरह से गलत राजनीति हो रही है।
ज्ञातव्य है कि उत्तर गुजरात के साबरकांठा जिले के ढुंढर गांव में 14 माह की एक बच्ची के साथ गत 28 सितंबर को हुए दुष्कर्म के मामले में बिहार निवासी एक प्रवासी फैक्ट्री मजदूर की धरपकड़ के बाद अल्पेश की अगुवाई वाले ठाकोर सेना ने प्रदर्शन किये थे।
इसके बाद से उत्तरी तथा मध्य गुजरात में कई स्थानों पर गैर गुजरातियों पर हमले हुए हैं जिसके बाद से बड़ी संख्या में ये लोग अपने घर लौट गये हैं।