मानवाधिकार आयोग ने मानव ढाल बनने वाले को 10 लाख रुपये देने का निर्देश दिया

जम्मू एवं कश्मीर मानवाधिकार आयोग ने सोमवार को राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह पत्थरबाजों से बचाव के लिए सेना की जीप के आगे मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किए गए व्यक्ति को 10 लाख रुपये का मुआवजा दे;

Update: 2017-07-10 21:29 GMT

श्रीनगर। जम्मू एवं कश्मीर मानवाधिकार आयोग ने सोमवार को राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह पत्थरबाजों से बचाव के लिए सेना की जीप के आगे मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किए गए व्यक्ति को 10 लाख रुपये का मुआवजा दे।

आयोग के अध्यक्ष न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) बिलाल नाजकी ने सोमवार को अपने फैसले में राज्य सरकार को फारुख अहमद डार को मुआवजा देने का निर्देश दिया। डार को मध्य कश्मीर के बीरवाह इलाके में सेना के एक मेजर ने 9 अप्रैल को श्रीनगर-बड़गाम में लोकसभा उपचुनाव के दौरान पत्थरबाजों के खिलाफ मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किया था।

न्यायमूर्ति नाजकी ने राज्य सरकार को पीड़ित व्यक्ति की गरिमा व उसके जीवन को खतरे में डाले जाने के कारण उसे मुआवजा देने का निर्देश दिया।

आयोग ने हालांकि सेना को इस संदर्भ में कोई निर्देश नहीं दिया। सूत्रों ने बताया कि सेना जम्मू एवं कश्मीर मानवाधिकार आयोग के अधिकार क्षेत्र में सेना नहीं आती।

डार को ढाल बनाए जाने का वीडियो वायरल होने पर काफी राजनीतिक बवाल मचा था।

सेना ने अधिकारी का यह कहते हुए बचाव किया कि उन्हें अचानक यह उपाय सूझा और उन्होंने एक इंसान को ढाल बनाने का फैसला ले लिया, मगर इससे बहुत से नागरिकों व सैनिकों को हताहत होने से बचाया जा सका।

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