हिन्दू-मुस्लिम एकता बयां करेगी द ब्रदरहुड

दादरी के बिसाहड़ा कांड ने पूरी दुनिया के सामने हिन्दू व मुस्लिमों के बीच रिश्तों की स्याह तस्वीर पेश की, लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अगल है;

Update: 2017-05-10 12:56 GMT

ग्रेटर नोएडा। दादरी के बिसाहड़ा कांड ने पूरी दुनिया के सामने हिन्दू व मुस्लिमों के बीच रिश्तों की स्याह तस्वीर पेश की, लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अगल है। 
ग्रेटर नोएडा में हिन्दू-मुस्लिम एकता और स्थानीय संस्कृति को पेश करती डॉक्यूमेंट्री फिल्म द ब्रदरहुड जल्दी रिलीज होने वाली है। 

डॉक्यूमेंट्री मीडिया कर्मी पंकज पाराशर ने निर्देशित की है। 24 मिनट की डॉक्यूमेंट्री दादरी के बिसाहड़ा गांव से शुरू होती है। जहां 28 सितम्बर 2015 की रात कुछ उन्मादी युवकों ने गौ हत्या की अफवाह पर अखलाक नाम के व्यक्ति की पीट पीटकर हत्या कर दी थी। यह अकेली घटना इस क्षेत्र की वास्तविक तस्वीर नहीं है।

भाटी गोत्र के हिन्दुओं और मुसलमानों के इतिहास को दिखाने के लिए जैसलमेर, सोमनाथ और ग्रेटर नोएडा के का फिल्मांकन किया गया है।

1857 के गदर से जुड़ी कई ऐतिहासिक घटनाएं द ब्रदरहुड में देखेंने को मिलेंगी। जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इतिहास में मायने रखती हैं। जिनसे दोनों समुदायों के बीच ताल्लुकातों की गहराई पता चलती है।

1947 में आजादी के बाद बंटवारे का दुखदायी दौर पूरे देश को झेलना पड़ा था। लेकिन भटनेर से कोई मुस्लिम परिवार देश छोड़कर पाकिस्तान नहीं गया था। डॉक्यूमेंट्री में दिखाया गया है कि किस तरह यहां के लोगों ने साथ रहना पसंद किया और मुस्लिम परिवारों को आगे बढ़कर पाकिस्तान जाने से रोक लिया था। डॉक्यूमेंट्री का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा ग्रेटर नोएडा का घोड़ी बछेड़ा और बुलंदशहर जिले का तिल बेगमपुर गांव है।

घोड़ी बछेड़ा हिन्दू ठाकुरों का गांव है और तिल बेगमपुर मुस्लिम ठाकुरों का गांव है। लेकिन घोड़ी बछेड़ा गांव तिल बेगमपुर गांव को अपना बड़ा भाई मानता है। 

मतलब, एक हिन्दू गांव का बड़ा भाई मुस्लिम गांव है। दोनों गांवों के बीच सुख और दुख के बेमिसाल रिश्ते कायम हैं। 
 

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