लखनऊ में सड़को की खुदाई एवं साफ-सफाई को लेकर हाईकोर्ट सख्त

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ ने शहर में प्राइवेट केबल डालने के लिए सड़कों की बेतहाशा खुदाई पर सख्त रुख अपनाते हुए नगर निगम से जानकारी तलब की है;

Update: 2019-07-16 00:20 GMT

लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खण्डपीठ ने शहर में प्राइवेट केबल डालने के लिए सड़कों की बेतहाशा खुदाई पर सख्त रुख अपनाते हुए नगर निगम से जानकारी तलब की है ।

न्यायालय ने कहा है कि 19 जुलाई को नगर आयुक्त हलफनामे के जरिये स्पष्ट करें की प्राइवेट कंपनियों द्वारा सड़कों की खुदाई के लिए नगर निगम से इज़ाज़त ली गई अथवा नही । अदालत ने यह भी कहा है कि यह भी बताए कि अगर इज़ाज़त ली भी गई हैं तो उसके बाद सड़को की दुबारा मरम्मत क्यों नहीं की गई । 

यह आदेश न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपपाध्यय व न्यायमूर्ति आलोक माथुर की खंडपीठ एक याचिका पर सुनवाई के बाद दिए । 
अदालत ने लखनऊ शहर को साफ-सुथरा किये जाने के मामले में नगर निगम सहित अन्य सम्बन्धित विभागों से पूछा है कि शहर में पॉलीथिन की उत्पादन एवं बिक्री पर पाबंदी लगाई गई अथवा नहीं । 

गौरतलब है कि अदालत ने लखनऊ शहर को साफ-सुथरा बनाए जाने को लेकर नगर आयुक्त सहित अन्य कई आला अफसरों को पिछली सुनवाई पर तलब किया था । पीठ ने पिछले आदेशो में इस मामले में गत 22 मई को कहा था कि शहर से पॉलीथिन का निर्माण एवं उपयोग पूरी तरह से बंद कर दिया जाए । यह भी कहा कि शहर के खुले नाले तथा नालियों की सफाई करके बन्द किया जाए । तथा छुट्टा आवारा पशुओं को शहर से बाहर किया जाए । न्यायालय ने सुनवाई करते हुए यह पूछा है कि इन आदेशों का अबतक कितना पालन हुआ है ।

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