उच्च न्यायालय ने बंगाल पंचायत चुनाव प्रक्रिया पर रोक एक दिन बढ़ाई

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव प्रक्रिया पर लगी रोक को एक दिन बढ़ाते हुए बुधवार तक कर दिया है;

Update: 2018-04-17 23:15 GMT

कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव प्रक्रिया पर लगी रोक को एक दिन बढ़ाते हुए बुधवार तक कर दिया है। अदालत ने चुनावों से संबंधित मामले में चल रही सुनवाई के मद्देनजर रोक में विस्तार किया है। न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार की एकल पीठ बुधवार के पहले भाग में फिर से दोनों पक्षों की दलीलें सुनेगी। 

न्यायमूर्ति तालुकदार ने सोमवार को रोक के खिलाफ अदालत की खंडपीठ के समक्ष दाखिल याचिका के मद्देनजर मूल चुनाव प्रक्रिया पर 16 अप्रैल तक लगी रोक में एक दिन का विस्तार किया था।

लेकिन, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस व राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा रोक के खिलाफ दाखिल अपील को खारिज करते हुए न्यायमूर्ति बिस्वनाथ समादर व न्यायमूर्ति अरिंदम मुखर्जी की पीठ ने कहा कि इस अवस्था में वह मामले में हस्तक्षेप नहीं करना चाहते, क्योंकि यह पहले से ही एकल पीठ के समक्ष लंबित है।

मंगलवार को बहस के दौरान तृणमूल के वकील कल्याण बनर्जी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी, मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और अन्य द्वारा राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी पर राज्य में चुनाव से पूर्व व्यापक हिंसा का आरोप, नई चुनाव प्रक्रिया की मांग, राज्य चुनाव आयुक्त को हटाने और चुनाव के दौरान अर्धसैनिक बलों को तैनात के लिए दायर याचिका स्वीकार करने योग्य है ही नहीं। 

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए विभिन्न फैसलों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि न्यायाधीश अदालत के फैसले से बाध्य नहीं है। हालांकि, अगर फैसले का कोई उल्लंघन होता है तो अदालत उचित कार्यवाही तय कर सकती है। उन्होंने कहा कि यह अदालत को चल रही चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का किसी तरह से कोई अधिकार नहीं देता।

विपक्षी दलों ने तृणमूल कांग्रेस पर चुनाव से पहले व्यापक हिंसा करने का आरोप लगाते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया है। साथ ही उन्होंने कहा था कि दो अप्रैल से शुरू हुई चुनाव प्रक्रिया में उनके कार्यकर्ताओं को नामांकन से रोका गया।

पंचायत चुनाव एक, तीन व पांच मई को होने हैं और वोटों की गणना आठ मई को होनी है।

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