उत्तराखंड के जंगलों में लगी भीषण आग, हेलीकॉप्टर से काबू पाने की हो रही कोशिश
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की ओर से रविवार सुबह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से राज्य के जंगलों में लगी आग (वनाग्नि) से उत्पन्न स्थिति पर नियंत्रण के लिये हेलीकॉप्टर उपलब्ध करा दिए;
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की ओर से रविवार सुबह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से राज्य के जंगलों में लगी आग (वनाग्नि) से उत्पन्न स्थिति पर नियंत्रण के लिये सहायता के अनुरोध पर तीसरे पहर दो हेलीकॉप्टर उपलब्ध करा दिए गये। साथ ही, आवश्यकता होने पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) भी उपलब्ध कराने का भी आश्वासन दिया है।
इसके पश्चात, मुख्यमंत्री ने वनाग्नि की घटनाओं को अत्यंत गम्भीरता से लेते हुए वीडियो कान्फ्रेंसिंग द्वारा शासन, पुलिस तथा वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों और सभी जिलाधिकारियों के साथ वनाग्नि प्रबंधन की समीक्षा के लिए एक आपात बैठक आहूत कर जरूरी निर्देश दिए।
तीरथ सिंह रावत ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा भेजा गया एक हेलीकाप्टर गौचर में स्टेशन करेगा, जो श्रीनगर से पानी लेगा। दूसरा हेलीकाप्टर हल्द्वानी में स्टेशन करेगा और भीमताल झील से पानी लेगा। राज्य के अधिकारी केंद्र सरकार के अधिकारियों के लगातार सम्पर्क में हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर वन विभाग के सभी अधिकारियों के अवकाश पर रोक लगा दी गई है। सभी अधिकारियेां और कर्मचारियों को अपने कार्यक्षेत्र में बने रहने को कहा गया है। राज्य भर में तैनात किए गए फायर वाॅचर को 24 घंटे निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं।
तीरथ सिंह रावत ने कहा कि वनाग्नि से क्षति होने पर प्रभावितो को मानकों के अनुरूप मुआवजा जल्द से जल्द मिल जाना चाहिए। फील्ड स्तर पर गाड़ियों व उपकरणों की कमी नहीं होनी चाहिए। जहां जरूरी हो, वहां तत्काल बिना समय गंवाए इनकी व्यवस्था कर ली जाएं। कंट्रोल रूम की संख्या बढ़ाई जाए। उन्होंने कहा कि वनों का संरक्षण, उत्तराखंडवासियों की परम्परा में है। परंतु कुछ शरारती तत्व जानबूझकर वनों में आग लगाते हैं। ऐसे तत्वों की पहचान कर कठोर कार्रवाई की जाए। कुम्भ मेला क्षेत्र पर भी विशेष ध्यान दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भविष्य में वनाग्नि की घटनाओं को न्यूनतम करने के लिए एक दीर्घकालीक प्लान भी बनाया जाए और उसी के अनुरूप तैयारियां की जाएं। तहसील और ब्लाॅक स्तर तक कंट्रोल रूम और फायर स्टेशन स्थापित हों।
बैठक में बताया गया कि राज्य में इस वर्ष 983 घटनाएं हुई हैं जिससे 1292 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावति हुआ है। वर्तमान में 40 एक्टिव फायर चल रही है। नैनीताल, अल्मोड़ा, टिहरी गढ़वाल और पौड़ी गढ़वाल वनाग्नि से अधिक प्रभावित है। वनाग्नि को रोकने के लिए 12 हजार वन कर्मी लगे हैं तथा 1300 फायर क्रू स्टेशन बनाए गए हैं।
इस वर्चुअल बैठक में मुख्य सचिव ओमप्रकाश, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, प्रमुख वन संरक्षक राजीव भरतरी, सचिव अमित नेगी, शैलेश बगोली, एस.ए. मुरूगेशन सहित शासन के वरिष्ठ अधिकारी और सभी जिलाधिकारी तथा डीएफओ उपस्थित थे।