मजबूत राष्ट्र के लिए स्वस्थ बचपन पहली शर्त है: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुपोषण के खिलाफ निर्णायक संघर्ष करने का आह्वान करते हुए आज कहा कि मजबूत राष्ट्र के लिए स्वस्थ बचपन पहली शर्त है और इसके लिए सभी को एकजुट होना होगा;
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुपोषण के खिलाफ निर्णायक संघर्ष करने का आह्वान करते हुए आज कहा कि मजबूत राष्ट्र के लिए स्वस्थ बचपन पहली शर्त है और इसके लिए सभी को एकजुट होना होगा।
LIVE: PM @narendramodi interacting with ASHA, ANM & Anganwadi workers from all over India. #PMSamvadWithHealthWorke… https://t.co/6nHyutX26M
पीएम मोदी ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए देश भर की लाखाें आंगनवाडी, आशा और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत करते हुए कहा कि स्वस्थ और सक्षम भारत के निर्माण में आप सभी की शक्ति पर पूरे देश को पूरा भरोसा है। कुपोषण के खिलाफ जंग छेड़ दी गयी है और अाप लोग इसमें अग्रिम पंक्ति में हो।
केंद्र सरकार ने तय किया है कि आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि को दोगुना करने का फैसला किया गया है। सभी आशा कार्यकर्ताओं और उनकी सहायिकाओं को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा योजना के तहत मुफ्त में बीमा सुरक्षा दी जाएगी: पीएम #PMSamvadWithHealthWorkers pic.twitter.com/7sdBM2QeLy
उन्होंने सुदृढ़ राष्ट्र के लिए नागरिकों का स्वस्थ होना आवश्यक है और इसके लिए स्वस्थ बचपन देना होगा। उन्हाेंने कहा, ‘‘हमें मिलकर कुपोषण के खिलाफ, गंदगी के खिलाफ, मातृत्व की समस्याओं के खिलाफ सफलता हासिल होगी। तभी ट्रिपल ‘ए’ की हमारी ये ताकत देश को ‘ए श्रेणी’ में रखेगी, शीर्ष पर रखेगी।”
बच्चे की ही नहीं बल्कि प्रसूता माता के स्वास्थ्य की भी आप सभी चिंता कर रहे हैं। सुरक्षित मातृत्व अभियान जो सरकार ने चलाया है उसकी अधिक से अधिक जानकारी आपको लोगों तक पहुंचानी है: पीएम @narendramodi #PMSamvadWithHealthWorkers
आंगनवाडी, आशा और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के कल्याण के लिए शुरु की गयी विभिन्न योजनाओं का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि टेक्नॉलॉजी ने अनेक मुश्किलों को आसान कर दिया है। टेक्नॉलॉजी जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है। फोन अनेक सवालों का जवाब है। सरकार तो फोन के माध्यम से ही अनेक प्रकार की सुविधाएं सभी देशवासियों तक पहुंचा रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि यदि देश का नागरिक सही से रुप से पोषित और विकसित होगा तो देश के विकास को कोई नहीं रोक सकता है। लिहाज़ा शुरुआती हज़ार दिनों में देश के भविष्य की सुरक्षा का एक मज़बूत तंत्र विकसित करने का प्रयास हो रहा है। किसी भी शिशु के लिए जीवन के पहले एक हज़ार दिन बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान मिला पौष्टिक आहार, खान-पान की आदतें उसका शरीर, पढ़ना-लिखना और मानसिक स्तर तय करती हैं।
उन्हाेंने कहा कि कमज़ोर नींव पर मज़बूत इमारत का निर्माण नहीं हो सकता। इसी प्रकार यदि देश का बचपन कमज़ोर रहेगा तो उसके विकास की गति धीमी हो जाएगी। उन्होंने कहा, “ रक्षाबंध के रक्षा सूत्र से आप बच्चों को कुपोषण से बाहर लाने के काम से जनता को जोड़ रहे हैं। आपके इस प्रयास को मैं नमन करता हूं।”
लगभग 50 करोड़ लोगों काे स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराने की योजना आयुष्मान भारत का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हरियाणा में एक नवजात इसका पहला लाभार्थी रहा है। उन्हाेंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर सुपोषण स्वास्थ्य मेले का आयोजन होता है।
मेले के दौरान कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण, ग्राम स्तर पर सामुदायिक बैठकों का आयोजन और कुपोषित बच्चों के परिजनों को खान पान की सलाह दी जाती है। बच्चे की ही नहीं बल्कि प्रसूता माता के स्वास्थ्य की भी सभी चिंता कर रहे हैं। सरकार के सुरक्षित मातृत्व अभियान की अधिक से अधिक जानकारी लोगों तक पहुंचानी है।