सरकार का मुंह ताक रहे सरपंच!

बिलासपुर ! स्वच्छ भारत मिशन में जिले की स्थिति संतोषजनक नहीं है। जिले को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए कुल 2 लाख 14 हजार 77 शौचालयों का निर्माण किया जाना है।;

Update: 2017-02-07 22:39 GMT

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बिलासपुर !  स्वच्छ भारत मिशन में जिले की स्थिति संतोषजनक नहीं है। जिले को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए कुल 2 लाख 14 हजार 77 शौचालयों का निर्माण किया जाना है। वहीं शासन का दावा है कि 15 अगस्त 2017 में जिले को खुले में शौच मुक्त कर लिया जाएगा, लेकिन जिले के कई सरपंच लाखों के कर्ज में डूब गए हैं वहीं हितग्राहियों को भी पैसा नहीं मिल पा रहा है। तीन विकासखण्डों गौरेला, मरवाही व मस्तूरी को खुले में शौच मुक्त कर लिया गया है लेकिन यहां भी लाखों रूपए बकाया है। जिसके कारण सरपंच सहित हितग्राहियों की हालत खराब है।
गौरतलब है कि जिले को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए 2 लाख 14 हजार 77 शौचालय का निर्माण किया जाना है जिस पर 2 अरब 56 करोड़ 89 लाख 24 हजार रूपए (2,56,89,24000) खर्च होना है जिसमें से करीब 1 लाख19 हजार शौचालय का निर्माण किया जा चुका है। इसमें से ही शासन अब तक अधिकांश राशि नहीं दे पाई है और सरपंच लाखों के कर्ज में डूब गए हैं। जिले में अभी कुल 95077 शौचालयों का और निर्माण किया जाना है जिसमें करीब सवा अरब रूपए खर्च होना है और शासन के पास फूटी कौड़ी नहीं है।
जनपद पंचायत      ओडीएफ के लिए      राशि दी गई     इतनी राशि
    प्रस्तावित राशि         की जरुरत
मस्तूरी      469440000      5,9018000      41022000         
तखतपुर     458088000     12,071,1300     337376700  
कोटा      404748000     1,24,792200     279955800    
बिल्हा      655932000      6,8749600      587182400     
पेण्ड्रा     124440000     81,37500     116302500  
गौरेला     196344000      3,42,04000     162140000  
मरवाही     259932000     1,60,82,006     243849994
2 लाख 14 हजार 77 शौचालयों में 1 लाख 19 हजार  का निर्माण पूरा
विकासखण्ड     शौचालयों
    की संख्या

बिल्हा     54,661   
पेण्ड्रा     10,370    
गौरेला     16,362   
कोटा     33,729    
मरवाही      21,661  
मस्तूरी     39,120
तखतपुर     38174   
महायोग     2,14,077
ये कैसा खुले में शौचमुक्त
शासन द्वारा दावा किया जा रहा है कि जिले में तीन विकासखण्ड गौरेला, मरवाही, मस्तूरी को खुले में शौच मुक्त कर लिया गया है। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। इन विकासखण्डों के कई ऐसे ग्राम हैं जहां शौचालयों का उपयोग नहीं किया जाता है। चाहे कारण कुछ भी हो सबसे ज्यादा संकट पानी का है। आज भी लोग खुले में शौच कर रहे हैं। खुले में शौच मुक्त सिर्फ कागजों में है।
हितग्राही भी कर्ज में
शासन के आदेशानुसार शौचालय का निर्माण हितग्राहियों को खुद करना है। लेकिन कई ग्राम पंचायत खुद ही शौचालय बनवाकर कमाई कर रही है। निर्माण कार्य तो गुणवत्ताहीन हो ही रहा है। कई हितग्राहियों को शौचालय निर्माण हो जाने के बाद भी राशि नहीं मिल पा रही है। अब हालांकि शासन के निर्देश के अनुसार किसी भी हालत में शौचालय का निर्माण हितग्राही को ही करना है। इस निर्देश को भी कई पंचायतों में दर किनारे कर दिया जा रहा है।
राशि हितग्राहियों के खाते में
शासन द्वारा जिस उद्देश्य से वनवासियों को वन अधिकार पत्र दिए गए है, हितग्राही उसी उद्देश्य कि पूर्ति करें और अपना जीविकोपार्जन करें अन्य कोई दुरूपयोंग न करें, दुरूपयोंग की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई होगी।
अमिताभ बाजपेयी
डीएफओं, वनमण्डल बिलासपुर

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