MP News: ग्वालियर खबर, पराली जलने के रियलिटी चेक

संवाददाता गजेन्द्र इंगले ने जिला ग्वालियर के भितरवार जनपद के कई गांव में जाकर रियलिटी चेक किया तो कई जगह पराली जलती नजर आई तो कई जगह जले हुए खेत नजर आए।;

Update: 2022-11-19 16:51 GMT
गजेन्द्र इंगले
 
ग्वालियर: नवम्बर माह आते ही पूरे उत्तर भारत में वायु प्रदूषण के आंकड़े मानक स्तर से कहीं ऊपर पहुँच जाते हैं। ऐसा ही हाल ग्वालियर का है। वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पार पहुँच चुका है। बढ़ते वायु प्रदूषण का एक कारण इस समय मे ग्रामीण क्षेत्र में जलने वाली पराली के रूप में सामने आया है। 
 
जिला प्रशासन ने पराली ( फसल अवशेष) जलने से रोकने के लिए जुर्माने का आदेश जारी कर दिया । जिसमें 2 एकड़ तक रकवा पर पराली जलाने पर 2500 रुपये 5 एकड़ रकवा पर पराली जलाने पर 5000 रुपए और 5 एकड़ से अधिक रकवा होने पर 15000 रुपये जुर्माने का प्रावधान है। जिला प्रशासन ने आदेश तो निकाल दिया लेकिन इस पर अमल करने की कोई योजना तैयार नहीं की। शायद यही कारण है कि ग्रामीण क्षेत्र में खुले आम पराली जलाई जा रही है। 
 
जिला प्रशासन ने 14 नवम्बर को यह आदेश जारी किया था लेकिन आज 18 नवम्बर को जब देशबन्धु संवाददाता गजेन्द्र इंगले ने जिला ग्वालियर के भितरवार जनपद के कई गांव में जाकर रियलिटी चेक किया तो कई जगह पराली जलती नजर आई तो कई जगह जले हुए खेत नजर आए। डोंगरपुर, बाजना, सेवहाई, करहिया जैसे गांवों में हर तरफ धुआं उठता नजर आ रहा था। आपको बता दें कि 
इसरो द्वारा ली गई सेटेलाइट तस्वीर में भी इन स्थानों  पर धुंआ उठता दिखता है और इनकी जीपीएस लोकेशन स्पष्ट दिखाई देती है। कृषि विभाग के आंकड़े बताते हैं कि इस वर्ष अभी तक पराली जलाने की  651 सेटेलाइट इमेज कैप्चर हुई हैं। जबकि पिछले वर्ष कुल 858 इमेज प्राप्त हुई थीं। ऐसे में साफ है कि इस साल पराली जलाने का आंकड़ा सेटेलाइट इमेज के अनुसार पिछले साल से अधिक होगा। 
 
जब वहां किसानों से बात की गई तो कई किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान की जानकारी ही नहीं थी और न ही उन्हें प्रशासन के किसी जुर्माने वाले आदेश की जानकारी थी। मतलब साफ है कि जिला  कलेक्टर ने तो आदेश जारी कर के अपनी रस्म अदायगी कर ली। लेकिन निचले स्तर के अधिकारी व कर्मचारियों की उदासीनता के चलते यह आदेश कागज पर ही रह गया । और जमीनी हकीकत वहीं की वहीं रही । किसान पराली जला रहे हैं और प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। अब देखना होगा कि कुछ किसानों पर जुर्माना लगा खाना पूर्ति की जाएगी या किसानों को प्रशिक्षण देकर व जागरूक कर के हमेशा के लिए पराली जलाने की समस्या से निदान के लिए कोई योजना शासन प्रशासन द्वारा बनाई जाएगी। 
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