गुजरात में लोकल बॉडी चुनावों के लिए आप तैयार : गोपाल राय
आम आदमी पार्टी गुजरात में अपनी जमीन को मजबूत करने में जुट गई है। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल तीन दिवसीय गुजरात दौरे पर हैं और इन तीन दिनों में कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे;
राजकोट। आम आदमी पार्टी गुजरात में अपनी जमीन को मजबूत करने में जुट गई है। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल तीन दिवसीय गुजरात दौरे पर हैं और इन तीन दिनों में कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा कि आज से तीन दिन के गुजरात दौरे पर जा रहा हूं। वहां कई कार्यक्रमों में शामिल होऊंगा।
अरविंद केजरीवाल के दौरे को लेकर आप के वरिष्ठ नेता गोपाल राय ने कहा कि पूरे गुजरात में आम आदमी पार्टी स्थानीय निकाय चुनावों की जोर-शोर से तैयारी कर रही है। पार्टी ने फैसला लिया है कि सभी नगर निगमों, जिला पंचायतों और तालुका पंचायतों की हर सीट पर पूरी ताकत से चुनाव लड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि ‘गुजरात जोड़ो अभियान’ के तहत हम पूरे राज्य में इन चुनावों के लिए जन-संपर्क और संगठन को मजबूत कर रहे हैं। साथ ही गुजरात के किसानों के हक की लड़ाई के लिए भी प्रदेश भर में किसान आंदोलन चलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल के इस दौरे में प्रदेश नेतृत्व से विस्तृत बैठक होगी। जो आंदोलनकारी जेल से बाहर आए हैं, उनका सम्मान किया जाएगा और जिन आंदोलनकारियों को अभी जेल में रखा गया है, उनके परिवारों से मुलाकात की जाएगी। रात में राजकोट में पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक होगी।
गोपाल राय ने कहा कि लोगों के पास पहले विकल्प नहीं था, लेकिन आम आदमी पार्टी के तौर पर विकल्प मिला है। गुजरात के लोगों ने यह संदेश दे दिया है कि आप ने भाजपा को हराने की ताकत दिखाई है। पिछले दिनों डेढ़ हजार से ज्यादा सभाएं की गई हैं। गुजरात में जनता की आवाज दबा दी जाती है और आंदोलनकारियों को जेल में ठूंस दिया जाता है, लेकिन इसके बावजूद किसान आंदोलन तेजी से बढ़ रहा है।
गोपाल राय ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनावों में अगर जनता आम आदमी पार्टी के पक्ष में वोट करती है तो 2027 के विधानसभा चुनाव में गुजरात में बड़ा परिवर्तन तय है।
एसआईआर को लेकर उन्होंने कहा कि शिक्षकों से जिस तरह पढ़ाई-लिखाई का काम छुड़वाकर और दबाव डालकर एसआईआर कराया जा रहा है, वह बिल्कुल गलत है। 2027 में गुजरात में विधानसभा चुनाव हैं और अभी से इस तरह का दबाव बनाना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।