गुजरात को सालाना 35 लाख टन गैस की जरूरत, कतर मदद करे : ऊर्जा मंत्री पटेल

एक विशेष बैठक में हिस्सा लेने दिल्ली पहुंचे गुजरात के ऊर्जा मंत्री सौरभ भाई पटेल ने सोमवार को कहा कि अगर गुजरात में गैस आधारित 70 फीसदी संयंत्र चलते हैं;

Update: 2020-01-27 22:28 GMT

नई दिल्ली। एक विशेष बैठक में हिस्सा लेने दिल्ली पहुंचे गुजरात के ऊर्जा मंत्री सौरभ भाई पटेल ने सोमवार को कहा कि अगर गुजरात में गैस आधारित 70 फीसदी संयंत्र चलते हैं, तो राज्य को सालाना 35 लाख टन गैस की जरूरत होगी। गैस की यह मांग तभी पूरी हो सकती है, जब कतर लंबे समय के लिए उचित दाम पर इसमें खुलकर सहयोग करे।

पटेल ने कहा कि गुजरात सरकार के पास 2500 मेगावाट क्षमता वाला पावर प्लांट है, जबकि निजी क्षेत्र में 1500 मेगावाट गैस आधारित बिजली संयंत्र है। इन दोनों की क्षमता को मिलाकर गुजरात के पास कुल 4000 मेगावाट की क्षमता वाला गैस आधारित पावर प्लांट है।

यहां सोमवार को आयोजित विशेष बैठक में केंद्रीय पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस एवं इस्पात मंत्री धर्मेद्र प्रधान और कतर के ऊर्जा मंत्री एच.ई.ए. साद शेरिद अल काबी के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई।

दिल्ली में मौजूद गुजरात सरकार के संयुक्त निदेशक (सूचना) नीलेश शुक्ला ने आईएएनएस को बताया कि गुजरात के ऊर्जा मंत्री सौरभभाई पटेल ने बैठक के बाद कहा कि वर्तमान समय में गुजरात राज्य में लगभग 18 लाख घरों में पाइपलाइन के जरिये गैस उपलब्ध कराई जा रही है। इसे बढ़ाकर 22 से 24 लाख घरों तक पहुंचाने का लक्ष्य है।"

शुक्ला के मुताबिक, बैठक में ऊर्जा मंत्री का कहना था कि भारत में कुल गैस आधारित बिजली उत्पादन क्षमता 24,000 मेगावाट से अधिक है। इसमें 21 फीसदी हिस्सेदारी गुजरात राज्य की है। बैठक में गुजरात की क्षमता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार को उचित दरों पर गैस की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाना बेहद जरूरी है।

मंत्री सौरभ पटेल ने बैठक के बाद कहा, "कतर के मंत्री ने राज्य सरकार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।"

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