पेप्सिको मामले में आलू उत्पादकों के साथ आई गुजरात सरकार

नितिन पटेल ने मीडिया को बताया कि किसानों ने प्रदेश सरकार से इस मसले में हस्तक्षेप करने की मांग की है और सरकार एक पक्षकार के रूप में किसानों की मदद करने के लिए अपना पक्ष अदालत में रखेगी।;

Update: 2019-04-28 21:21 GMT

अहमदाबाद। बहुराष्ट्रीय कंपनी पेप्सिको द्वारा गुजरात के आलू उत्पादक नौ किसानों को अदालत में घसीटने के बाद प्रदेश सरकार ने किसानों की मदद करने का फैसला लिया है।

कंपनी का आरोप है कि उसके पेटेंट किए हुए आलू की वेरायटी की खेती ये किसान करते हैं।
सरकार के इस फैसले से एक दिन पहले कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा था कि सरकार इस मसले पर अपनी आखें बंद नहीं रख सकती है। 
गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने रविवार को कहा कि सरकार ने कंपनी द्वारा दर्ज मुकदमे में एक पक्षकार के रूप में शामिल होने का फैसला किया है।
नितिन पटेल ने मीडिया को बताया कि किसानों ने प्रदेश सरकार से इस मसले में हस्तक्षेप करने की मांग की है और सरकार एक पक्षकार के रूप में किसानों की मदद करने के लिए अपना पक्ष अदालत में रखेगी।
अहमद पटेल ने शनिवार को कहा कि पेप्सिको की कार्रवाई सरासर गलत है। आरएसएस से संबद्ध भारतीय किसान संघ समेत करीब 192 किसान संगठनों ने सख्त विरोध करते हुए कहा कि कंपनी को किसानों के खिलाफ अपना मुकदमा वापस लेना चाहिए। 
पेप्सिको ने उत्तर गुजरात के साबरकांठा और अरावल्ली जिले के नौ किसानों के खिलाफ एफएल-2027 या एफसी-5 वेरायटी के आलू उगाने को लेकर मुकदमा दायर किया है। कंपनी का कहना है कि उक्त वेरायटी के आलू का कंपनी के पास प्लांट वेरायटी प्रोटेक्शन (पीवीपी) राइट है।
कंपनी ने चार किसानों के खिलाफ मुकदमे में उनमें से प्रत्येक से एक करोड़ रुपये की हर्जाने की मांग की है जबकि पांच किसानों पर 20 लाख रुपये के हर्जाने का मुकदमा ठोका है।

 

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