सिलक्यारा सुरंग से निकले श्रमिकों को सरकार देगी 1-1 लाख रुपये, बौखनाग का मंदिर बनेगा

सिलक्यारा सुरंग से 17वें दिन मंगलवार को निकाले गए 41 मजदूरों को चिन्यालीसौड़ में बनाए गए अस्पताल में ले जाया गया है;

Update: 2023-11-29 09:16 GMT

उत्तरकाशी। सिलक्यारा सुरंग से 17वें दिन मंगलवार को निकाले गए 41 मजदूरों को चिन्यालीसौड़ में बनाए गए अस्पताल में ले जाया गया है, जहां 48 घंटे तक तमाम मजदूर डॉक्टरों की निगरानी में रहेंगे। उसके बाद उन्हें उनके परिजनों से मिलने दिया जाएगा। इस बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि श्रमिकों के स्वस्थ होने पर सरकार की तरफ से एक-एक लाख रुपये के चेक बतौर आर्थिक सहायता के रूप में दिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री

मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल बना सिल्क्यारा टनल रेस्क्यू अभियान.. pic.twitter.com/Yaz0QTfjLu

— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) November 28, 2023
"> ने इस कठिन रेस्क्यू ऑपरेशन में 17 दिनों से दिन रात लगी सभी एजेंसियों, कर्मचारियों एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, बीआरओ के साथही अंतरराष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स और उनकी टीम और क्रिस कूपर सभी का धन्यवाद किया। धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को सरकार एक-एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता देगी। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा अस्पताल में इलाज और घर जाने तक की पूरी व्यवस्था की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने सिलक्यारा में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल में इलाज पर होने वाला खर्चा सरकार उठाएगी। इनके अलावा परिजनों और श्रमिकों के खाने, रहने की भी व्यवस्था सरकार कर रही है। उन्‍होंने कहा कि श्रमिकों के घर जाने तक का पूरा खर्चा भी सरकार वाहन करेगी।

धामी ने कहा कि बाबा बौखनाग और देवभूमि के देवी-देवताओं की कृपा से ऑपरेशन सफल हुआ है। इसलिए बौखनाग देवता का सिलक्यारा में भव्य मंदिर बनाया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा बौखनाग के आशीर्वाद से सभी श्रमिक सुरक्षित बाहर निकल आए हैं। उन्‍होंने कहा कि ग्रामीणों ने बाबा बौखनाग के मंदिर बनाने की मांग उठाई है। इस मांग को सरकार पूरा करेगी।

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