सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा: राहुल गांधी
कृषि कानूनों को लेकर मोदी सरकार पर हमला जारी रखते हुए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को दावा किया कि सरकार को कानून वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा;
नई दिल्ली। कृषि कानूनों को लेकर मोदी सरकार पर हमला जारी रखते हुए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को दावा किया कि सरकार को कानून वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। मदुरै में जल्लीकट्टू (बुल-टैमिंग) देखने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा, "मेरे शब्दों को चिह्न्ति (मार्क) कर लीजिए। सरकार को कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। मुझे बहुत गर्व है कि किसान क्या कर रहे हैं और मैं पूरी तरह से उनका समर्थन करता हूं और हमेशा उनके साथ खड़ा रहूंगा।"
I am very proud of what our farmers are doing and I fully support the farmers and I will continue to stand with them. I raised their issue in a yatra in Punjab and we will continue to do it. The Govt will be forced to take back these laws. Mark my words: Shri @RahulGandhi
उन्होंने दावा किया कि सरकार किसानों का न केवल दमन नहीं कर रही है, बल्कि वह उन्हें नष्ट करने की साजिश कर रही है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, "सरकार सिर्फ उनकी (किसानों को) उपेक्षा नहीं कर रही है, बल्कि वह उन्हें नष्ट करने की साजिश कर रही है। एक अंतर है। उपेक्षा एक अनदेखी है। वे उन्हें नजरअंदाज नहीं कर रहे हैं, बल्कि उन्हें नष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि वे अपने दो या तीन दोस्तों को लाभ पहुंचाना चाहते हैं।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधे तौर पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने पूछा, "क्या आप पूरे देश के प्रधानमंत्री हैं या फिर दो या तीन व्यापारियों के प्रधानमंत्री हैं?"
राहुल ने कहा, "जब कोरोना आया, तब उन्होंने आम आदमी की मदद नहीं की। जब चीनी हमारी जमीन पर बैठे हैं तो प्रधानमंत्री अब क्या कर रहे हैं?"
कांग्रेस ने 15 जनवरी को किसानों के समर्थन में विरोध करने की योजना बनाई है और विभिन्न राज्यों में राजभवन तक मार्च करने का फैसला किया है।
इस बीच दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का जारी विरोध भीषण ठंड और घने कोहरे के बीच जारी रहा। उन्होंने दावा किया है कि आने वाले दिनों में नए कृषि कानूनों के खिलाफ उनकी हलचल और तेज हो जाएगी।