मंदी की असलियत स्वीकार करे सरकार: कांग्रेस

कांग्रेस ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार देश में व्यावसायिक ऋणों में एक साल के भीतर 88 प्रतिशत की कमी आयी;

Update: 2019-10-07 18:32 GMT

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार देश में व्यावसायिक ऋणों में एक साल के भीतर 88 प्रतिशत की कमी आयी है जिससे साफ है कि आर्थिक गतिविधियं थम गयी हैं और देश गहरे आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है।

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत सोमवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि रिजर्व बैंक के हाल में आये आंकड़े के अनुसार एक साल पहले बैंकों का ऋण का प्रवाह 7.36 लाख करोड़ रुपए था जो आज 88 प्रतिशत घटकर महज एक लाख करोड़ रुपए तक सिमट गया है। उन्होंने कहा कि अगर ऋण का प्रवाह इसी तरह से गिर रहा है तो इसका सीधा मतलब है कि देश में आर्थिक गतिविधियां ठहर गयी है। सरकार को इस असलियत को स्वीकार करना चाहिए और मंदी रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।

उन्होंने कहा कि किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए निजी निवेश, सार्वजनिक निवेश, निर्यात और माल की खपत सबसे महत्वपूर्ण होती है लेकिन पिछले एक साल के दौरान आर्थिक विकास के ये चारों मानक नकारात्मक रहे हैं और सरकार चारों खाने चित्त नजर आ रही है। अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में गिरावट दर्ज की जा रही है, इसलिए जो अर्थशास्त्री आर्थिक विकास की दर पांच प्रतिशत होने के सरकार के अनुमान पर संदेह व्यक्त कर रहे हैं उनकी बात में सच्चाई नजर आती है।

प्रवक्ता ने कहा कि ऋण का प्रवाह कम होने का मतलब है कि आर्थिक हालात बहुत खराब हो गये हैं। बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह प्रवाह लगातार घट रहा है और यह ज्यादा चिंता का विषय है। लोगों में डर है इसलिए वे बैंकों से ऋण नहीं उठा रहे हैं।

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