केरल सरकार ने मीडिया के लिए दिशा-निर्देश जारी किए, विपक्ष ने निंदा की

केरल सरकार ने शुक्रवार को मीडिया के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए जिसे विपक्ष ने स्वतंत्र प्रेस को चुप कराने वाला बताया;

Update: 2018-11-30 22:20 GMT

तिरुवनंतपुरम। केरल सरकार ने शुक्रवार को मीडिया के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए जिसे विपक्ष ने स्वतंत्र प्रेस को चुप कराने वाला बताया। नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, सचिवालय, सरकारी कार्यालयों और यहां तक कि रेलवे स्टेशनों और हवाईअड्डों पर मुख्यमंत्री या कैबिनेट मंत्री अगर मीडिया से बात करना चाहेंगे तो इसके लिए मीडिया को सूचना एवं जनसंपर्क विभाग (आईपीआरडी) पर निर्भर रहना होगा।

ऐसा होने से टीवी मीडिया के लिए मुख्यमंत्री और उनके मंत्रीमंडलीय साथियों से बाइट लेने का परंपरागत तरीका अब अतीत की बात होगा।

यह निर्देश अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) सुब्रता विश्वास ने जारी किए।

विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला ने आईएएनएस से कहा कि केरल में ऐसे निर्देश कभी नहीं सुने गए।

उन्होंने कहा, "प्रेस की स्वतंत्रता लोकतंत्र का महत्वपूर्ण अंग है। ये निर्देश इसलिए आए हैं क्योंकि मुख्यमंत्री पिनारई विजयन नहीं चाहते कि लोगों को सच पता चले।"

उन्होंने सरकार से इस 'कठोर नियम' को वापस लेने के लिए कहा।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष पी.एस. श्रीधरन पिल्लई इसे 'खतरनाक चलन' बताया।

नए आदेश के तहत सिर्फ मान्यता प्राप्त पत्रकार ही सचिवालय में प्रवेश कर सकते हैं। अन्य पत्रकारों को सचिवालय के शाम को आम जनता के लिए खुलने तक इंतजार करना होगा।

सरकार ने कहा है कि सरकार से संबंधित सभी खबरें जिनमें पत्रकारों के साथ बैठक, विभिन्न विभागों द्वारा घोषणाओं की खबरों को सिर्फ आईपीआरडी के माध्यम से लिया जा सकेगा और इसके लिए पत्रकारों को एक एप का उपयोग करना होगा।

वरिष्ठ पत्रकार रॉय मैथ्यू ने कहा कि विजयन पूर्व कम्युनिस्ट देशों का सिस्टम अपनाने का प्रयास कर रहे हैं।

लेकिन, विजयन के कार्यालय ने कहा कि मीडिया पर कोई प्रतिबंध नहीं है और ये दिशा-निर्देश सिर्फ सुरक्षा कारणों से लाए गए हैं।

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