समाज के सभी वर्गों को सस्ती शिक्षा मिले: नकवी

नकवी ने कहा कि देश में अल्पसंख्यकों की शिक्षा सबसे ज्यादा उपेक्षित रही थी लेकिन मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अब अभियान चलाया हुआ है जिससे अल्पसंख्यकों सस्ती शिक्ष मिल सके।;

Update: 2017-03-01 16:25 GMT

नयी दिल्ली।  केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य राज्यमंत्री  मुख्तार अब्बास नकवी ने आज कहा कि देश में अल्पसंख्यकों की शिक्षा सबसे ज्यादा उपेक्षित रही थी लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अब युद्धस्तर पर अभियान चलाया हुआ है जिससे अल्पसंख्यकों सहित समाज के सभी तबकों को सस्ती,सुलभ और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।

 नकवी ने यहां “माइनॉरिटी कम्युनिटी टीचर्स एसोसिएशन” के राष्ट्रीय सेमिनार में कहा कि अध्यापकों की कमी एक चिंता का विषय है। इस दिशा में भी केंद्र सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं लेकिन राज्यों को भी इसके लिए काम करना होगा। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक  मंत्रालय अल्पसंख्यकों को बेहतर पारंपरिक एवं आधुनिक शिक्षा मुहैया कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के पांच शिक्षण संस्थानों की स्थापना करेगा तथा तकनीकी, मेडिकल, आयुर्वेद और यूनानी सहित विश्वस्तरीय कौशल विकास की शिक्षा देने वाले संस्थान देश भर में स्थापित किये जायेंगे।

उन्होंने बताया कि इसके लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन किया गया है, जो शिक्षण संस्थानों की रूपरेखा-स्थानों आदि के बारे में चर्चा कर रही है और जल्द ही अपनी विस्तृत रिपोर्ट देगी और यह कोशिश है कि ये शिक्षण संस्थान 2018 से काम करना शुरू कर दें।

इन शिक्षण संस्थानों में 40 प्रतिशत आरक्षण लड़कियों के लिए किये जाने का प्रस्ताव है। नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय का पूरा जोर इस बात पर है कि अल्पसंख्यकों को बेहतर शिक्षा के साथ ही विभिन्न कौशल प्रशिक्षण भी दिया जाये जिससे छात्र रोजगार के योग्य बन सकें।

अल्पसंख्यकों को बेहतर शिक्षा दिलाने और बेहतर रोजगारपरक प्रशिक्षण देने के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय विभिन्न योजनाएं चला रहा है। उन्होंने कहा कि 2017-18 में 35 लाख से ज्यादा छात्रों को विभिन्न छात्रवृत्तियां दी जाएंगी। इसके अलावा 2 लाख से अधिक युवाओं को रोजगारपरक प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 16 से ज्यादा “गुरुकुल” प्रकार के आवासीय स्कूलों को स्वीकृति दी गई है। साथ ही जो मदरसे मुख्यधारा की शिक्षा भी दे रहे हैं, उन्हें भी मदद दी रही है। 
 

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