सरकार बर्बर दमन और हिंसा पर उतारू है : प्रियंका

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के बाद उप्र सरकार की कार्रवाई को लेकर सवाल उठाए;

Update: 2019-12-22 06:21 GMT

लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के बाद उप्र सरकार की कार्रवाई को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि हर जिले से लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस कहां ले जा रही है, किसी को पता नहीं। सरकार बर्बर दमन और हिंसा पर उतारू है। प्रियंका ने शनिवार को अपने जारी बयान में कहा कि यह कानून भारत के संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि देश के तमाम हिस्सों से छात्रों, बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, वकीलों और पत्रकारों की अवैध रूप से गिरफ्तारियां निंदनीय हैं।

उन्होंने बताया कि पूरे देश समेत उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दो दिन से कई सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं को पुलिस अवैध हिरासत में रखे हुई है। उनके परिजनों को उनकी गिरफ्तारी की कोई खबर नहीं दी गई है। मीडिया के माध्यम से दिल दहला देने वाली खबर मिल रही है कि उनको पुलिस हिरासत में मारा-पीटा जा रहा है।

प्रियंका ने कहा कि प्रदेश में संचार व इंटरनेट सेवाएं सरकार ने बंद करवा रखा है। फिरोजाबाद, अमरोहा, मुरादाबाद, बरेली, रामपुर, कानपुर और गोरखपुर में पुलिस ने शांतिपूर्ण चल रहे प्रदर्शनों पर लाठीचार्ज किया। जगह-जगह चल रहे प्रदर्शन और मार्च में पुलिस लोगों को हिंसा के लिए उकसा रही है। उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में 15 लोगों के मारे जाने की खबर है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी शांति और सौहार्द बनाने की अपील करती है। देश को आजादी सत्य और अहिंसा के रास्ते मिली। आज जरूरी है कि बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान की रक्षा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बताए गए सत्य और अहिंसा के रास्ते से की जाए।

प्रियंका ने कहा कि एनआरसी और नागरिकता संशोधन किसी भी कीमत पर बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान पर हमला नहीं होने दिया जाएगा। जनता सड़क पर उतरकर संविधान को बचाने के लिए लड़ रही है, लेकिन सरकार बर्बर दमन और हिंसा पर उतारू है।

उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने जिस तरह नोटबंदी में गरीबों को लाइन में खड़ा किया था, अब एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून के नाम पर लोगों को लाइन में खड़ा करेगी। एक 'कट ऑफ डेट' तय करेगी और हर एक भारतीय को अपनी भारतीयता साबित करने के लिए उस डेट के पहले का कोई मान्य दस्तावेज पेश करना पड़ेगा। इससे ज्यादातर गरीब और वंचित लोग प्रताड़ित होंगे।

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