आईडीबीआई को बचाने में आम जनता की गाढ़ी कमाई लगा रही सरकार : कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "एलआईसी के 38 करोड़ पॉलिसी धारकों की गाढ़ी कमाई खतरे में है, क्योंकि मोदी सरकार बैंकिंग क्षेत्र में अपने पाप को ढकना चाहती है।;

Update: 2018-06-30 23:12 GMT

नई दिल्ली। कांग्रेस ने वित्तीय अराजकता के एक और उदाहरण के लिए नरेंद्र मोदी सरकार की निंदा करते हुए शनिवार को कहा कि जीवन बीमा में आम जनता की बचत का इस्तेमाल सभी नियमों को ताक पर रखते हुए बीमार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, आईडीबीआई को बचाने में किया जा रहा है। कांग्रेस प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "एलआईसी के 38 करोड़ पॉलिसी धारकों की गाढ़ी कमाई खतरे में है, क्योंकि मोदी सरकार बैंकिंग क्षेत्र में अपने पाप को ढकना चाहती है।"

उन्होंने कहा, "सभी स्थापित नियमों-कानूनों को ताक पर रखते हुए मोदी सरकार वित्तीय अराजकता की एक और कड़ी को अंजाम दे रही है।"

शनिवार को आई मीडिया रपट में कहा गया है कि भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने सरकारी स्वामित्व वाले आईडीबीआई बैंक में 51 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने की भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) की योजना को मंजूरी दे दी है। 

प्रियंका ने कहा कि सरकार ने एलआईसी पॉलिसीधारकों के जख्म पर नमक रगड़ने का अब एक नया तरीका इजाद किया है, जिसके तहत बीमा कंपनी को घाटे में चल रहे आईडीबीआई बैंक में हिस्सेदारी खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इसके जरिए सरकार ने एलआईसी में आम जनता के भरोसे पर कुठाराघात किया है और 13,000 करोड़ रुपये का बोझ उनके ऊपर लाद दिया है।

उन्होंने कहा, "इस प्रक्रिया में मोदी सरकार ने बैंकिंग नियमन अधिनियम, बीमा नियामक अधिनियम, बीमा अधिनियम, बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण अधिनियम और सेबी अधिनियम का पूरी तरह उल्लंघन किया है।"

प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि आम जनता की गाढ़ी कमाई को निचोड़ना मोदी सरकार का एकमात्र उद्देश्य बन गया है।

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