मध्यस्थता कानून में सुधार के लिए सरकार ने विशेषज्ञ समिति का किया गठन

विधि और न्याय मंत्रालय ने 16 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है;

Update: 2023-06-17 09:05 GMT

नई दिल्ली। विधि और न्याय मंत्रालय ने 16 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। इसका अध्यक्ष कानूनी मामलों के विभाग के पूर्व सचिव टीके विश्वनाथन को बनाया गया है। विशेषज्ञ समिति भारत में मध्यस्थता कानून के कामकाज की जांच के साथ ही मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 में सुधार के लिए सिफारिश भी करेगी। दरअसल, कानूनी मामलों का विभाग मध्यस्थता और सुलह अधिनियम, 1996 की कार्यप्रणाली में और सुधार करने की जरूरत पर विचार कर रहा है। इसका मुख्य कारण है कि पूरी प्रक्रिया में अदालती हस्तक्षेप को कम से कम किया जाए। इसके अलावा मध्यस्थता को सही मायनों में लागत प्रभावी बनाने और समय सीमा के भीतर निर्णय तक पहुंचाना है।

यह भी प्रस्ताव दिया गया है कि कानून में संशोधन करने से पहले या जरूरी हो तो इस विषय पर विशेषज्ञों और मध्यस्थता के उपयोग करने वालों के विचारों को भी जाना जाए। कानून के कामकाज को जांच करने की कोशिश के जरिए सही समाधान देने की कवायद हो रही है ताकि पार्टियों के द्वारा अदालत के हस्तक्षेप को कम किया जा सके।

देश में मौजूदा मध्यस्थता को जानने-समझने के साथ ही उसका मूल्यांकन और विश्लेषण भी करना है। इसके अलावा मध्यस्थता कानून की ताकत, कमजोरियों और दूसरे महžवपूर्ण विदेशी न्यायालयों की तुलना में चुनौतियों को भी जानना है।

Full View

Tags:    

Similar News