सरकार वायु सेना की क्षमता और ताकत बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध: निर्मला सीतारमण

निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि सरकार वायुसेना की ताकत बढ़ाने के लिए उसे अत्याधुनिक हथियारों तथा प्रौद्योगिकी से लैस करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए बजट की कमी को आड़े नहीं आने दिया जायेगा;

Update: 2017-10-10 17:52 GMT

नयी दिल्ली। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि सरकार वायुसेना की ताकत बढ़ाने के लिए उसे अत्याधुनिक हथियारों तथा प्रौद्योगिकी से लैस करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए बजट की कमी को आड़े नहीं आने दिया जायेगा,  सीतारमण ने वायुसेना कमांडरों के द्विवार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार वायु सेना की क्षमता और ताकत बढाने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा,“ सरकार उन कमियों को दूर करने के लिए प्रतिबद्ध हैं , जो पिछले दशक में समय रहते निर्णय न लिये जाने के कारण पैदा हुईं। ” उन्होंने कहा कि इसके लिए वायुसेना को अत्याधुनिक हथियारों तथा प्रौद्योगिकी से लैस किया जायेगा और इसमें बजट की कमी को आड़े नहीं आने दिया जायेगा।

रक्षा मंत्री ने कहा कि बजट की कमी को लाचारी के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए और इस बात पर जोर होना चाहिए कि जो जरूरी है, उसे खरीदा जाये। उन्होंने कहा कि सेनाआें की क्षमता बढ़ाने के लिए इनके प्रमुखों को अपने अधिकारों का पूरा इस्तेमाल करना चाहिए। रक्षा मंत्री ने कहा कि वायु सेना को आयुध कारखानों और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ मिलकर मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत स्वदेशी उत्पादों के विनिर्माण पर व्यापक योजना बनानी चाहिए। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ ने कमांडरों से अपील की कि वे वायुसेना की क्षमता बढ़ाने के लिए निरंतर प्रशिक्षण पर पूरी तरह ध्यान दें ।

उन्होंने कहा कि इसमें सरकार की मेक इन इंडिया योजना अच्छी पहल और इसका लाभ उठाया जा सकता है। एयर चीफ मार्शल धनोआ ने कहा कि वायुसेना हवाई सीमाओं की रक्षा के साथ साथ किसी भी तरह की आपदा और संकट की स्थिति में योगदान के लिए सबसे आगे रहती है। इस माैके पर रक्षा राज्य मंत्री डॉ़ सुभाष भामरे भी मौजूद थे। आज शुरू हुए सम्मेलन में वायु सेना के कमांडर तीन दिन तक वायु सेना की तैयारियों , संचालन , रख रखाव और अन्य प्रशासनिक मुद्दों पर गहन विचार -विमर्श करेंगे।
 

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