सरकार ने ओबीसी वर्ग के छात्रों को आरक्षण देने की मंजूरी दी: जावड़ेकर
सरकार ने राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एंव प्रशिक्षण परिषद् (एनसीईआरटी) द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रतीभा खोज परीक्षा में पिछड़े वर्ग के छात्रों को आरक्षण देने का फैसला किया है।;
नयी दिल्ली। सरकार ने राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एंव प्रशिक्षण परिषद् (एनसीईआरटी) द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रतीभा खोज परीक्षा में पिछड़े वर्ग के छात्रों को आरक्षण देने का फैसला किया है।
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज ट्वीट करके यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार ने प्रतिभा खोज परीक्षा-2 में ओबीसी वर्ग के छात्रों को आरक्षण देने को मंजूरी दे दी है।
Approved reservation for #OBC students in #NTSE National Talent Search Examination Stage-II conducted by @NCERT. pic.twitter.com/FRoM8DTsQn
सरकार के इस फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर तगड़ी बहस छिड़ गयी है। जहां कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं वहीं कुछ इसके समर्थन में उतर आए हैं। एनसीआरटी स्कूली बच्चों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर हर साल प्रतिभा खोज परीक्षा का अायोजन करता है। इसकी शुरुआत 1963 में की गयी थी। उस समय केवल विज्ञान विषय के लिए कक्षा ग्यारह के छात्रों को दस छात्रवृत्तियां देने की व्यवस्था थी।
1964 में इस योजना का विस्तार कर 350 छात्रवृत्तियां देने का फैसला किया गया। पहले यह व्यवस्था सिर्फ दिल्ली तक सीमित थी। वर्ष 1964 में पूरे देश में इसका विस्तार किया गया। इसके बाद 1976 में यह परीक्षा दसवीं और 12 वीं के छात्रों को भी शामिल कर दिया गया और इसमें विज्ञान के अलावा अन्य विषय भी शामिल कर दिए गए।
वर्ष 1976 में यह सुविधा 500 छात्रों के लिए कर दी गयी जबकि 1981 में इसे बढ़ाकर 550 करदिया गया जिसमें से 50 सीटें अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों के लिए आरक्षित कर दी गयीं।