1000 लो फ्लोर एसी सीएनजी बसों की खरीद के लिए धनराशि मंजूर

दिल्ली परिवहन निगम के निदेशक मंडल ने 1000 एसी लो फ्लोर सीएनजी (बीएस- सिक्स अनुपालित ) बसों की खरीद के लिए धनराशि को मंजूरी दी है;

Update: 2021-03-02 00:12 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली परिवहन निगम के निदेशक मंडल ने 1000 एसी लो फ्लोर सीएनजी (बीएस- सिक्स अनुपालित ) बसों की खरीद के लिए धनराशि को मंजूरी दी है। बोर्ड ने प्रति बस 7,50,000 किलोमीटर तक 12 वर्ष के लिए बसों के वार्षिक रखरखाव के लिए बीमा धनराशि को भी मंजूरी दी। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि ये नई लो फ्लोर सीएनजी बसें स्टेट ऑफ द आर्ट सुविधाओं जैसे रियल-टाइम पैसेंजर इंफॉर्मेशन सिस्टम, सीसीटीवी, पैनिक बटन, जीपीएस से लैस होंगी , साथ ही विकलांग यात्रियों की सुविधाओं का भी इन बसों में खास ध्यान रखा गया है।

डीटीसी कर्मचारियों के कल्याण से संबंधित एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में, बोर्ड ने ग्रेच्युटी की सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने की मंजूरी दी। इस कदम से सभी डीटीसी कर्मचारियों को लाभ होगा और उनकी सेवानिवृत्ति के लाभों में भी वृद्धि होगी।

बोर्ड मीटिंग के बाद परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा, "हमने 1000 लो फ्लोर सीएनजी बसों की खरीद के साथ-साथ इन बसों के व्यापक वार्षिक रखरखाव के लिए धनराशि को भी मंजूरी दी है। इस फैसले से बसों के डाउनटाइम को कम करने के साथ-साथ यात्री -अनुभव को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।"

वहीं कॉन्टैक्टलेस ई-टिकटिंग ऐप 'चार्टर' के परीक्षण के अंतिम चरण की शुरूआत भी सोमवार से शुरू हो गई। एकीकृत मल्टी-मोडल ट्रांजिट सिस्टम लिमिटेड (डिम्ट्स) की सभी 2990 बसों में यह शुरूआत की जा रही है। कोरोना महामारी को मद्देनजर रखते हुए, दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग द्वारा अगस्त 2020 में संपर्क रहित ई-टिकटिंग सेवाओं की शुरूआत की गई थी।

फरवरी के अंतिम सप्ताह में डीटीसी की सभी 3760 बसों में इस ऐप के परीक्षण को 31 मार्च तक बढ़ा दिया गया था। यह ट्रायल दिल्ली के परिवहन मंत्री द्वारा गठित एक विशेष टास्कफोर्स द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। ई-टिकटिंग में शामिल डिम्ट्स के बसों की संख्या 550 हो गई है।

वर्तमान में, ई-टिकटिंग सेवा का परिक्षण डीटीसी की सभी बसों में 31 मार्च तक किया जा रहा। इस पूरे परिक्षण के दौरान लगातार सर्वे भी किया जा रहा है, ताकि यात्रियों को इस ऐप के इस्तेमाल में यदि किसी प्रकार की कठिनाई आती है तो उसे दूर किया जा सके।

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