फ्रांस  : मैंक्रों की जीत पर यूरोपीय संघ ने जताई खुशी

फ्रांस के राष्ट्रपति चुनाव में उदार मध्यमार्गी एमानुएल मैक्रों अपनी प्रतिद्वंद्वी धुर दक्षिणपंथी मरीन ले पेन को हराकर देश के सबसे युवा राष्ट्रपति बन गए हैं;

Update: 2017-05-09 11:23 GMT

पेरिस। फ्रांस के राष्ट्रपति चुनाव में उदार मध्यमार्गी एमानुएल मैक्रों अपनी प्रतिद्वंद्वी धुर दक्षिणपंथी मरीन ले पेन को हराकर देश के सबसे युवा राष्ट्रपति बन गए हैं। मैक्रों की जीत के साथ ही पूरे पेरिस में जश्न का दौर शुरू हो गया। मैक्रों की जीत से गदगद यूरोपीय संघ (ईयू) ने उन्हें बधाई दी है।

फ्रांस में रविवार को हुए अंतिम दौर के चुनाव में मैक्रों (39) को कुल 66.06 फीसदी वोट मिले। उनकी जीत का जश्न मनाने के लिए पेरिस के कई हिस्सों में लोग सड़कों पर उतर आए। मैक्रों को कुल 2.07 करोड़ वोट मिले।

मैक्रों की जीत के साथ ही डॉलर के मुकाबले यूरो छह महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।

हजारों की संख्या में मैक्रों के समर्थक नीला, सफेद तथा लाल रंग का फ्रांस का ध्वज लिए पेरिस टॉवर म्यूजियम के बाहर इकट्ठा हुए और नाच-गाकर अपनी खुशी का इजहार किया।

नौकरशाह से निवेश बैंकर और फिर राजनीति में आए मैक्रों ने 2016 में एन मार्शे नामक पार्टी बनाई और बिना किसी राजनीतिक दल के समर्थन और जनाधार के निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव लड़ा।

ले पेन (48) को लगभग 1.06 करोड़ वोट मिले, जबकि उनका मतदान प्रतिशत 33.94 फीसदी रहा।

ले पेन ने मैक्रों को फोन कर जीत की बधाई दी। मैक्रों ने देश को विभाजित करने वाली ताकतों से लड़ने की प्रतिबद्धता जताई।

मैक्रों ने समर्थकों को दिए अपने संबोधन में कहा, "आज आप जीत गए, फ्रांस जीत गया। हर कोई हमसे कह रहा था कि यह असंभव है, लेकिन वे फ्रांस को नहीं जानते।"

Tout le monde nous disait que c’était impossible. Mais ils ne connaissaient pas la France !

— Emmanuel Macron (@EmmanuelMacron) May 7, 2017

मैक्रों ने इससे पहले ट्वीट किया था, "मैं आज शाम से लेकर आगामी पांच वर्षो तक विनम्रता और समर्पण के साथ देश की सेवा करूंगा।"

Je vous servirai au nom de notre devise : Liberté, Égalité, Fraternité.

— Emmanuel Macron (@EmmanuelMacron) May 7, 2017

मैक्रों ने कई मतदाताओं के रोष को भी स्वीकारते हुए समाज के सबसे कमजोर तबके की रक्षा करने की प्रतिबद्धता जताई।

मैक्रों ने कहा, "मैं यूरोप और फ्रांस के नागरिकों के बीच संबंधों में नई जान फूंकने के लिए काम करूंगा। मेरा कर्तव्य लोगों के दिल से भय मिटाना है। मैं देश को अलग करने वाली ताकतों के खिलाफ लड़ूंगा।"

यूरोपीय संघ के नेताओं ने ले पेन की हार से राहत की सांस ली। ले पेन चुनाव जीतने पर यूरोपीय संघ से फ्रांस को बाहर निकालने की कवायद शुरू करना चाहती थीं।

यूरोपीय संघ के प्रमुख जीन क्लॉड जंकर ने कहा, "खुशी है कि फ्रांस ने यूरोप के भविष्य को चुना है।

Félicitations @EmmanuelMacron! Heureux que les Français aient choisi un avenir européen. Ensemble pour une #Europe plus forte et plus juste pic.twitter.com/GWlxKYs4hL

— Jean-Claude Juncker (@JunckerEU) May 7, 2017

"

जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने ट्वीट किया, "मैक्रों की जीत एकजुट यूरोपी की जीत है।"

ले पेन की प्रशंसा कर चुके अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मैक्रों को बधाई देते हुए इसे एक बड़ी जीत बताया और कहा कि वह उनके साथ मिलकर काम करने को उत्सुक हैं।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मैक्रों को जीत की बधाई दी।

ले पेन का खुलकर समर्थन करने वाले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मैक्रों को बधाई दी। उन्होंने मैक्रों से दरारें कम करने और आतंकवाद और चरमपंथ जैसी चुनौतियों का सामना करने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया।

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