विदेशी युवती ने भारत आकर भारतीय संस्कृति के अनुसार कराया विवाह संस्कार
भारतीय संस्कृति पौराणिक काल से ही विदेशों में अपनी अलग पहचान बनाएं हुए हैं;
- सुरेन्द्र सिंह भाटी
बुलंदशहर। भारतीय संस्कृति पौराणिक काल से ही विदेशों में अपनी अलग पहचान बनाएं हुए हैं। भारतीय संस्कृति को पसंद करने वाले लोगों के साथ अब विदेशी युवतियों को भारतीय जीवन साथी पसंद आ रहें हैं । ऐसा ही एक मामला सामने आया है। थाईलैंड निवासी फिजियोथैरेपिस्ट चिकित्सक युवती को एक वर्ष पहले थाईलैंड बिजनेस टूर पर गए युवक से प्रेम हो गया।
दोनों के साथ दोनों के परिजनों के बीच बातचीत का सिलसिला शुरू हो गया।और दोनों परिवारों ने भारतीय संस्कृति के अनुसार विवाह की अनुमति दे दी। ककोड़ के गांव रौनी उर्फ सलौनी निवासी शंकर सिंह भाटी जो वर्तमान में बुलंदशहर की प्रीत विहार कालोनी में निवास बनाकर रहतें है ।और चकबंदी विभाग के ए सी ओ पद से सेवानिवृत्त हैं।
उनका एक पुत्र निजी कंपनी में कार्यरत हैं। जबकि दूसरा पुत्र अंकित भाटी बिजनेस करता है। एक वर्ष पहले अंकित थाईलैंड गया। जहां उसकी मुलाकात फीजियोथेरेपिस्ट युवती डॉ.कोरावन से हुई।
बातचीत के बीच दोनों के बीच प्रेम हो गया। और मामला एक दूसरे को जीवन साथी बनाकर साथ रहने तक पहुंच गया। युवती की मां रेमनवेन पिटक वह पिता सिरिचाई सिरिजंतपन निवासी उडोन थानी थाईलैंड ने भारतीय रीति रिवाज से विवाह की अनुमति दे दी। शुक्रवार को युवती के भाई समेत कई परिजन बुलंदशहर युवक के आवास पर आए। और महेन्द्र शास्त्री ने दोनों का भारतीय संस्कृति के अनुसार विधिवत विवाह संपन्न कराया। विवाह समारोह में सम्मिलित हुए सैकड़ों लोगों ने नवदंपति को शुभकामनाएं दी।
युवती के परिजन भी इस विवाह से खुश नजर आए।