फूड पाइजनिंग से 13 छात्राएं गंभीर
छात्रावास अधीक्षिका पूरे महीने हमें गुणवत्ताहीन सोयाबीन बड़ी और आलू का सब्जी खिलाती आयी है;
छात्रावास अधीक्षिका पर लापरवाही का आरोप
सरपंच-सचिव ने की सहायक आयुक्त से शिकायत
पेण्ड्रा। छात्रावास अधीक्षिका पूरे महीने हमें गुणवत्ताहीन सोयाबीन बड़ी और आलू का सब्जी खिलाती आयी है। उन्होंने फरवरी माह में एक भी दिन हमें हरी सब्जी नहीं खिलाया।
उपरोक्त शिकायत आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित प्री-मेट्रिक आदिवासी कन्या छात्रावास मरवाही के बगरार गांव की है जहां शुक्रवार की देर रात भोजन करने के बाद 13 छात्राओं की हालत फ़ूड प्वाइजनिंग के बाद ख़राब हो गयी जिसके बाद गांववालों एवं छात्रावास में काम करने वाली महिला की सजगता से उन्हें इलाज के लिए तत्काल सामुदायिक स्वास्थ केंद्र मरवाही लाया गया जहां सभी की हालत खतरे से बाहर है परन्तु इस घटना ने आदिवासी छात्रावासों में लगातार हो रही लापरवाही एवं छात्रावास अधीक्षिका के गैरजिम्मेदाराना रवैये को उजागर कर दिया है। इस घटना के बाद संस्था के प्राचार्य एवं सरपंच व सचिव ने इसकी शिकायत बिलासपुर के सहायक आयुक्त आदिवासी विकास से किया है।
मरवाही ब्लॉक के ग्राम बगरार में किराये के भवन में संचालित 50 बिस्तरीय प्री मेट्रिक कन्या छात्रावास भगवान भरोसे संचालित है। यहां की प्रभारी अधीक्षिका कभी कभार यहाँ आती हैं और यहाँ रहने वाली छात्राओं के लिए खानापूर्ति कर रवाना हो जाती है। लगातार यहाँ भोजन में छात्राओ को निम्न गुणवत्ता का सोयाबीन की बरी सब्जी में दे रही हैं एवं मीनू चार्ट का कोई पालन कराए बगैर प्रतिदिन सुबह शाम का भोजन करा रही है।
लगातार यही अव्यवस्था होने के कारण शुक्रवार की रात इन छात्राओं ने सोयाबीन की बड़ी एवं चावल खाया। रात होते होते बच्चो की हालत बिगड़ने लगी किसी का पेट दर्द तो किसी को लगातार उलटियों की शिकायत मिलने पर छात्राओं ने इसकी सूचना छात्रावास में रह रही महिला रसोइया को दी जिसने ग्रामीणों की मदद से तत्काल एम्बुलेंस से 13 छात्राओं को मरवाही सामुदायिक स्वास्थ केंद्र भेजा जहां रात भर और आज दिन भर चिकित्सकों की देख रेख में रखा गया है। हालांकि कोई अप्रिय स्थिति निर्मित नहीं हुई परन्तु छात्रावास में रहने वाली छात्राओं ने जो बताया वो पूरी व्यवस्था की पोल खोल रहा है कभी भी शासन द्वारा मीनू चार्ट का कोई भी पालन नहीं किया जा रहा है दूषित तरीके से भोजन बनाया जा रहा है जिन डब्बो में खाद्यान्न का भण्डार किया गया है वे भी दूषित हैं।
उच्चाधिकारियों से शिकायत
कन्या छात्रावास में फूड प्वाइजनिंग की घटना के बाद सरपंच रामवती पेन्द्रो एवं सचिव ने सहायक आयुक्त, एसडीएम एवं बीईओ से शिकायत करके अधीक्षिका अल्पना मिंज पर कार्यवाही की मांग की है।
इन छात्राओं की बिगड़ी तबियत
जिन छात्राओं की तबियत फूड प्वाइजनिंग ने बिगड़ी उनके नाम हैं रीना गोंड़, रिंकी गोंड़, गायत्री गोंड़, पूजा खैरवार, पायल गोंड़, रिंकी गोंड़, कलावती गोंड़, रोशनी मरावी, मानकुंवर गोंड़, नेहा गोंड़, प्रमिला गोंड़, इटवरिया गोंड़। इन सभी छात्राओं की उम्र 12 वर्ष से 16 वर्ष के बीच है।
गुणवत्ता की कमी
ग्राम बगरार के इस छात्रावास की अधीक्षिका अल्पना मिंज की सजगता एवं सक्रियता तथा सहायक आयुक्त एवं बीईओ के द्वारा छात्रावासों के निरीक्षण का पता तो वहां लगे बोर्ड से ही चलता है कि आज भी देश के राष्ट्रपति डॉ. प्रणव कुमार मुखर्जी ही हैं, क्षेत्र के एसडीएम जो दो साल पहले ही चले गए है उनका नाम अभी भी दर्ज है और खुद भी कभी कभार आकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा देती है ऐसे में हर समय छात्राओं में असुरक्षा का भाव बना रहता है।
हालांकि मामला प्रकाश में आने के बाद ये छात्रावास में रहने वाली छात्राएं जिस स्कूल में पढ़ती हैं। वहां के प्राचार्य ने अब इस अव्यवस्था की शिकायत विकास खंड शिक्षा अधिकारी के साथ साथ बिलासपुर सहायक आयुक्त आदिवासी विकास से की है। इस अप्रिय घटना होने के बाद भी छात्रावास की अधीक्षिका घटना के 18 घंटे बीत जाने के बाद भी छात्रावास नहीं आयीं। बीएमओ डॉ. केके धु्रव ने बताया कि छात्राओं को स्थिति खान पान में गुणवत्ता की कमी के कारण ही बिगड़ी है। समय से सभी छात्राओं को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया जिससे कोई अप्रिय घटना नहीं घट सकी।
बरती गई अनियमितता
छात्रावास में अनियमितता कोई नयी बात नहीं है फिर भी घटनाओं से आदिम जाति कल्याण विभाग सबक नहीं ले रहा है भाई भतीजावाद एवं चढ़ोत्तरी चढ़ाने की परंपरा के कारण अधिकारी अपनों को उपकृत करने के उद्देश्य से एक एक अधीक्षकों को तीन से चार छात्रावासों की जिम्मेदारी दिए हुए हैं। पूरी व्यवस्था खानापूर्ति में चल रही है वही छात्रावास में रहने वाले छात्राओं के भोजन और रख रखाव पर भी उन अधीक्षकों एवं अधिकारियों की नीयत ख़राब है नतीजा व्यवस्था बीमार है।