पीएम मोदी को दो चीजों से नफरत, गांधी के विचारों से और गरीबों के अधिकारों से: राहुल गांधी

मनरेगा का नाम बदलने पर राहुल गांधी ने सीधा पीएम नरेंद्र मोदी को टारगेट किया है। उन्होंने कहा कि मोदी को दो चीजों से बहुत नफरत है। ये दो हैं- गांधी के विचार और गरीबों के अधिकार। सरकार की ओर से मंगलवार को ही लोकसभा में एक विधेयक पेश किया गया है, जिसमें नाम बदलने का प्रस्ताव है।;

Update: 2025-12-16 10:52 GMT

नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मनरेगा स्कीम का नाम बदलने पर ऐतराज जताया है। उन्होंने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी को दो चीजों से बहुत नफरत है। ये दो हैं- गांधी के विचार और गरीबों के अधिकार।

सरकार की ओर से मंगलवार को ही लोकसभा में एक विधेयक पेश किया गया है। इसमें मनरेगा स्कीम का नाम बदलकर विकसित भारत-जी राम जी योजना करने का प्रस्ताव है। इससे पहले मनरेगा में महात्मा गांधी का नाम शामिल था। इसी को लेकर कांग्रेस हमलावर है। लोकसभा में पहले प्रियंका गांधी ने तीखा हमला बोला और अब राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया है।

उन्होंने कहा कि मनरेगा महात्मा गांधी के ग्राम-स्वराज के सपने का जीवंत रूप है। यह करोड़ों ग्रामीणों की ज़िंदगी का सहारा है, जो कोविड काल में उनका आर्थिक सुरक्षा कवच भी साबित हुआ। मगर, प्रधानमंत्री मोदी को यह योजना हमेशा खटकती रही, और पिछले दस सालों से इसे कमजोर करने की कोशिश करते रहे हैं। आज वो मनरेगा का नामो-निशान मिटाने पर आमादा है।

उन्होंने लिखा कि मनरेगा की बुनियाद तीन मूल विचारों पर थी- रोज़गार का अधिकार - जो भी काम मांगेगा, उसे काम मिलेगा। गांव को विकास कार्य खुद तय करने की स्वतंत्रता और केंद्र सरकार मज़दूरी का पूरा खर्च और सामान की लागत का 75% देगी।उन्होंने कहा कि अब प्रधानमंत्री मोदी इसी मनरेगा को बदलकर सारी ताकत सिर्फ़ अपने हाथों में केंद्रित करना चाहते हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि अब बजट, योजनाएं और नियम केंद्र तय करेगा। राज्यों को 40% खर्च उठाने के लिए मजबूर किया जाएगा। इसके अलावाबजट खत्म होते ही या फसल कटाई के मौसम में दो महीने तक किसी को काम नहीं मिलेगा।

राहुल गांधी ने लिखा कि यह नया बिल महात्मा गांधी के आदर्शों का अपमान है - मोदी सरकार ने पहले ही भयंकर बेरोज़गारी से भारत के युवाओं का भविष्य तबाह कर दिया है, और अब ये बिल ग्रामीण गरीबों की सुरक्षित रोज़ी-रोटी को भी खत्म करने का ज़रिया है। हम इस जनविरोधी बिल का गांव की गलियों से संसद तक विरोध करेंगे।

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