महाराष्ट्र: पूर्व मंत्री माणिकराव कोकाटे की बची रहेगी विधायकी, सुप्रीम कोर्ट ने सजा पर लगाई रोक
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और विधायक मानिकराव कोकाटे को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने धोखाधड़ी मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगा दी है। कोर्ट के इस आदेश के बाद कोकाटे विधायक बने रहेंगे और विधानसभा से अयोग्य नहीं होंगे।;
नई दिल्ली। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री माणिकराव कोकाटे की विधानसभा की सदस्यता नहीं जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को माणिकराव कोकाटे को बड़ी राहत दी। शीर्ष कोर्ट ने नासिक कोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा पर रोक लगा दी।
इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने कोकाटे की सजा पर रोक लगाने से मना कर दिया था। ऐसे में 30 साल पुराने मामले में मंत्री पद गंवा चुके कोकाटे के पूर्व विधायक होने का खतरा मंडराने लगा था।
मराठा समुदाय से आने वाले माणिकराव कोकाटे अजित पवार की पार्टी के दिग्गज नेताओं में शामिल हैं। कोकाटे पहले फडणवीस सरकार में कृषि मंत्री थे, लेकिन विधानसभा में मोबाइल पर रमी खेलने के बाद विवाद खड़ा हो गया था।
इसके बाद अजित पवार ने इनका विभाग बदल दिया था। कोकाटे खेल विभाग संभाल रहे थे। नासिक से आने वाले कोकाटे पांच बार के विधायक हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने दी दो साल की राहत
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायक और पूर्व मंत्री माणिकराव कोकाटे को दो साल की राहत दी है। शीर्ष कोर्ट ने नासिक कोर्ट द्वारा सुनाई गई सजा को दो साल के लिए सस्पेंड कर दिया है। कोकाटे को 1995 के हाउसिंग स्कैम में दो साल ही सजा सुनाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले की वजह से अपना मंत्री पद गंवाने वाले माणिकराव कोकाटे MLA बने रहेंगे। पीपुल्स रिप्रेजेंटेटिव एक्ट के अनुसार दो साल या उससे ज्यादा सजा होने जनप्रतिनिधि को अयोग्य घोषित किए जाने का प्रावधान है।
हाई कोर्ट के इस फैसले की वजह से कोकाटे की कुर्सी खतरे में पड़ गई थी। उन्हें अपने मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इतना ही नहीं उनकी MLA की कुर्सी भी खतरे में पड़ गई थी।
सीजेआई की बेंच की सुनवाई
पूर्व मंत्री कोकाटे के मामले पर सुनवाई सीजेआई सूर्यकांत की बेंच ने की। कोकाटे की तरफ से सीनियर वकील मुकुल रोहतगी पेश हुए। रोहतगी ने दलील दी कि संबंधित केस बहुत पुराना है और हाईकोर्ट का फैसला एक विधायक के राजनीतिक भविष्य और चुनाव क्षेत्र के रिप्रेजेंटेशन पर असर डाल रहा है।
इस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया। जब कोकाटे ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, तो कोर्ट ने उन्हें जमानत तो दे दी, लेकिन सजा पर रोक लगाने से मना कर दिया। इस वजह से कोकाटे पर रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल एक्ट का सेक्शन 8 लागू हो रहा था। जिसमें उनकी विधायकी खतरे में थी।