पीएम मोदी का घर घेरेंगे किसान !

कृषि बिल के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के आंदोलन को अब पूरे 9 महीने का समय बीत चुका है. लेकिन सरकार ने अभी तक किसानों की सुध तक नहीं ली है. हालांकि किसान भी हार मानने वालों में से नहीं हैं और अपनी ज़िद्द पर अड़े हुए हैं. और अब किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा का 2 दिवसीय अधिवेशन भी शुरू किया है.;

Update: 2021-08-28 19:13 GMT

कृषि कानूनों को लेकर पंजाब, हरियाणा और यूपी के किसान पिछले 9 महीने से आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन सरकार का बाकी सब चीज़ों पर तो ध्यान है लेकिन किसानों पर नहीं। उसी कड़ी में बीकेयू के प्रवक्ता राकेश टिकैत के साथी और हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने भी अब पीएम को निशाने पर लेते हुए कहा कि अन्नदाता अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आवास घेर लें, तो इनके पास क्या रास्ता बचेगा? किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने दावा किया किया कि आंदोलन में 650 किसानों की जान जा चुकी है. 37 हजार से अधिक लोगों पर केस दर्ज हो चुके हैं. हमारे पास मांगें मनवाने के दो ही रास्ते हैं।कृषि बिल के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों ने 9 महीने पूरे होने पर जगह-जगह किसानों ने डेरा डाला हुआ है. और सरकार से इसे रद्द करने की मांग पर अड़े हुए हैं उसी कड़ी में दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर अखिल भारतीय किसान सम्मेलन की शुरुआत की गई और नौ महीने पूरे होने पर शुरू हुए दो दिवसीय आंदोलन का उद्घाटन भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने किया।  इसके अलावा संयुक्त किसान मोर्चा ने गाजीपुर बॉर्डर पर सरकार की बुद्धि शुद्धि के लिए हवन कराया। इस मौके पर किसान नेताओं ने एक सुर में कहा कि बहरी सरकार तक आवाज पहुंचाने के लिए आंदोलन को और तेज करना होगा। यह सभी बातें साफ दिखाती हैं कि सरकार किसानों और मजदूरों के लिए उदासीन है। 

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