जलियांवाला बाग के वर्चुअल उद्घाटन का किसानों ने किया विरोध, रोके रास्ते

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार शाम को जलियांवाला बाग का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे। इससे पहले ही कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों और नौजवान भारत सभा ने विरोध-प्रदर्शन किया;

Update: 2021-08-29 07:11 GMT

अमृतसर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार शाम को जलियांवाला बाग का वर्चुअल उद्घाटन करेंगे। इससे पहले ही कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों और नौजवान भारत सभा ने विरोध-प्रदर्शन किया। पुलिस ने हालांकि उन्हें जलियांवाला बाग तक नहीं पहुंचने दिया।

जलियांवाला बाग कोरोना महामारी और सौंदर्यीकरण कार्य के कारण पिछले डेढ़ साल से जनता के लिए बंद था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शाम अमृतसर स्थित जलियांवाला बाग के नए स्वरूप का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से उद्घाटन करेंगे लेकिन इससे पहले ही इसका विरोध शुरू हो गया है। कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान सुबह ही जलियांवाला बाग से कुछ ही दूरी पर घी मंडी के पास जमा हो गए और उन्होंने बाग तक आने वाले सभी रास्ते बंद कर दिए। किसानों की चेतावनी है कि आज होने वाले उद्घाटन समारोह में किसी भाजपा नेता को नहीं आने देंगे।

पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्वेत मलिक पहले उद्घाटन समारोह में शामिल होने जलियांवाला बाग आने वाले थे, लेकिन किसानों के विरोध-प्रदर्शन के बाद उन्होंने अपना कार्यक्रम बदल लिया है। श्री मलिक का कहना है कि वह अब घर से ही वर्चुअली उद्घाटन समारोह से जुड़ेंगे।

अमृतसर के पुलिस उपायुक्त परमिंदर सिंह भंडाल ने बताया कि भाजपा के विरोध स्वरूप किसानों ने जलियांवाला बाग की ओर जाने वाले रास्तों को अवरुद्ध कर दिया है। उन्होंने कहा कि किसानों को समझाया गया है कि उनका विरोध शहीदों का अपमान होगा, लेकिन किसान अभी डटे हुए हैं।

दूसरी ओर नौजवान भारत सभा ने जलियांवाला बाग के बाहर धरना लगा कर कार्यक्रम का विरोध शुरू कर दिया। सभा के प्रधान रुपिंदर सिंह और महासचिव मंगा आजाद ने बताया कि रेनोवेशन की आड़ में सरकार ने जलियांवाला बाग के मूल स्वरूप के साथ छेड़छाड़ की है। इस दौरान नौजवान भारत सभा के सदस्यों ने श्री मोदी के खिलाफ नारेबाजी की। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे पुलिस उपायुक्त मुखविंदर सिंह भुल्लर उन्हें अपने साथ जलियांवाला बाग के अंदर लेकर गए और बताया कि जलियांवाला बाग के मूल स्वरूप के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ नहीं की गई है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी भरोसा दिलाया कि किसी भी राजनीतिक पार्टी के प्रतिनिधि को जलियांवाला बाग में नहीं जाने देंगे। इसके बाद नौजवान भारत सभा के प्रधान और महासचिव ने धरना उठा लिया और कहा कि हम शाम तक इसका इंतजार करेंगे। अगर कोई राजनीतिक प्रतिनिधि जलियांवाला बाग के अंदर गया तो फिर से रोष प्रदर्शन शुरू कर देंगे।

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